Assam Flood: देशभर में बदलते मौसम ने कई हिस्सों के लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाई तो वहीं कई हिस्सों के लोगों पर बाढ़ का कहर छाया हुआ है. लगभग पिछले एक माह से बाढ़ से जूझ रहे असम और अरुणाचल में लोग अस्थायी कैंपों में रह रहे है. असम में बाढ़ के कारण अब तक 46 लोगों की जान जा चुकी है. बुधवार को राज्य में बाढ़ के पानी में डूबने से आठ और लोगों की मौत हो गई. सोनितपुर जिले में दो जबकि मोरीगांव, डिब्रूगढ़, दरांग, गोलाघाट, बिस्वनाथ और तिनसुकिया जिलों में एक-एक व्यक्ति की जान गई.
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515 राहत शिविर और वितरण केंद्र स्थापित
बताते चले कि प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित जिलों में 515 राहत शिविर और वितरण केंद्र स्थापित किए हैं, जहां करीब 3.86 लाख लोग शरण लिए हुए हैं. बाढ़ का पानी घरों में घुसने के बाद कई लोग सुरक्षित स्थानों, ऊंची स्थलों, स्कूल भवनों, सड़कों और पुलों पर शरण ले रहे हैं.
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की स्थिति
असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (Kaziranga National Park) में बाढ़ के पानी में 11 जानवर डूब गए हैं, जबकि 65 अन्य जानवरों को बचा लिया गया है. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ((ASDMA)) की बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार, तिनसुकिया जिले में दो और धेमाजी जिले में एक व्यक्ति की जान चली गई.
बाढ़ की गंभीर स्थिति
मंगलवार को राज्य में बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो गई, क्योंकि 29 जिलों के 16.25 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. बाढ़ के पानी ने 42,476.18 हेक्टेयर फसल क्षेत्र को जलमग्न कर दिया है और 2800 गांव प्रभावित हुए हैं. ब्रह्मपुत्र नदी का जलस्तर नेमाटी घाट, तेजपुर, गुवाहाटी और धुबरी में खतरे के निशान से ऊपर है.
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बचाव कार्य जारी
स्थानीय प्रशासन, सेना, अर्धसैनिक बल और एसडीआरएफ की बचाव टीमें कई जगहों पर बचाव कार्य में लगी हुई हैं. मंगलवार को विभिन्न बाढ़ प्रभावित इलाकों से करीब 2,900 लोगों को बचाया गया है. प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच अनाज, दाल, नमक और तेल वितरित किया और मवेशियों को चारा भी उपलब्ध कराया है.एएसडीएमए बाढ़ रिपोर्ट में कहा गया है कि बाढ़ से 11,20,165 जानवर भी प्रभावित हुए हैं। बाढ़ के पानी ने 100 सड़कों, 14 पुलों और 11 तटबंधों को नुकसान पहुंचाया.
मुख्यमंत्री ने की समीक्षा
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने बुधवार को राज्य में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की है. कामरूप जिले में बैठक के बाद उन्होंने कहा कि राज्य में विनाशकारी बाढ़ मुख्य रूप से पड़ोसी अरुणाचल प्रदेश में बादल फटने के कारण आई है. उन्होंने राहत शिविरों में भोजन और चिकित्सा सहायता के साथ-साथ क्षतिग्रस्त तटबंधों और सड़कों की मरम्मत के काम का आश्वासन दिया.
अन्य राज्यों की स्थिति
अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में भी बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है.अरुणाचल प्रदेश के 60,000 से अधिक लोग प्रभावित हैं. मणिपुर में इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व जिलों में कई स्थानों पर बाढ़ आ गई है, क्योंकि दो प्रमुख नदियों के तटबंध टूट गए हैं. सेनापति जिले में सेनापति नदी में कम से कम दो लोग डूब गए हैं.
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