Dera Sacha Sauda: गुरमीत राम रहीम फिर आया जेल से बाहर, बरनावा आश्रम में होगा ठिकाना

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
Gurmeet Ram Rahim

Gurmeet Ram Rahim News: डेरा सच्चा सौदा (Dera Sacha Sauda) प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) के अनुयायियों के लिए आज राहत भरी खबर आई है। रोहतक की सुनारिया जेल में बंद राम रहीम को 21 दिन की फरलो मिली है और मंगलवार सुबह करीब 6 बजे वह जेल से बाहर आए। सुरक्षा के बीच सुबह साढ़े छह बजे राम रहीम को जेल से रिहा किया गया। अब वह उत्तर प्रदेश के के बरनावा आश्रम में रहेंगे।

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हाई कोर्ट का फैसला

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) द्वारा दायर याचिका का निपटारा कर दिया है, जिसमें डेरा प्रमुख को पैरोल या फरलो पर रिहा न करने के निर्देश देने की मांग की गई थी। हाई कोर्ट ने साफ किया है कि राज्य सरकार ऐसे मुद्दों पर निर्णय लेने में सक्षम है। दिलचस्प बात यह है कि हरियाणा सरकार पहले ही हाई कोर्ट को बता चुकी है कि डेरा प्रमुख वैधानिक प्रावधानों के अनुसार पैरोल और फरलो के हकदार हैं।

कोर्ट का तर्क

हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस अनिल खेत्रपाल की खंडपीठ ने एसजीपीसी की याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि एसजीपीसी ने यह याचिका पिछले साल जनवरी में जब डेरा प्रमुख को पचास दिन की पैरोल दी गई थी, उसके खिलाफ दायर की थी। वह पैरोल खत्म हो चुकी है। हाई कोर्ट ने कहा कि सरकार नियमों के अनुसार ही डेरा प्रमुख की फरलो और पैरोल पर निर्णय ले सकती है। तब तक वह 21 दिनों की फरलो के दौरान गुरमीत राम रहीम बागपत के बरनावा आश्रम में रहेगा।

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डेरा प्रमुख की फरलो की मांग

डेरा प्रमुख ने हाई कोर्ट से 21 दिन की पैरोल देने की मांग की थी, ताकि वह इस अवधि के दौरान जेल से बाहर रहकर कल्याणकारी गतिविधियां कर सकें। उन्होंने कहा कि फरलो के लिए अधिकारियों को आवेदन दिया जा चुका है, लेकिन हाई कोर्ट के 29 फरवरी के स्थगन आदेश के कारण इस याचिका पर विचार नहीं किया गया है। यह मामला शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) द्वारा दायर याचिका के मद्देनजर हाई कोर्ट में पहुंचा था।

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दुष्कर्म और हत्या के मामलों में दोषी

गुरमीत राम रहीम को दो साध्वियों से दुष्कर्म और एक पत्रकार की हत्या के मामलों में दोषी ठहराया गया है। 2017 से वह रोहतक की सुनारिया जेल में बंद हैं। इसके बावजूद हरियाणा सरकार द्वारा बार-बार पैरोल या फरलो पर रिहा किए जाने पर एसजीपीसी ने आपत्ति जताई थी। एसजीपीसी ने तर्क दिया था कि दोषी होने के बावजूद बार-बार रिहा करना गलत है और इससे समाज में गलत संदेश जाता है।

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अनुयायियों में फैली खुशी की लहर

राम रहीम की फरलो की खबर से उनके अनुयायियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख के अनुयायियों ने उनके जेल से बाहर आने पर खुशी जताई और इसे न्याय की जीत बताया। राम रहीम के समर्थक उम्मीद कर रहे हैं कि वह इस अवधि में समाज सेवा और कल्याणकारी कार्यों में संलग्न रहेंगे। राम रहीम ने जेल से बाहर आने के बाद अपने समर्थकों से मिलने की योजना बनाई है और उन्हें आश्वासन दिया है कि वह समाज सेवा में सक्रिय रहेंगे। यह देखना बाकी है कि राम रहीम की रिहाई से समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है और सरकार और न्यायपालिका इस मामले को कैसे आगे बढ़ाती है।

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