पुरानी पेंशन बहाली को लेकर केंद्र व राज्य सरकार के कर्मचारियों का प्रदर्शन

Laxmi Mishra
By Laxmi Mishra

लखनऊ संवाददाता- विभांशू मणि त्रिपाठी
Lucknow: पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर आंदोलनरत केंद्र और राज्य सरकार के हज़ारो कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं हज़ारो की संख्या में सरकारी कर्मचारी शामिल हुवे हुंकार रैली में लखनऊ के चारबाग स्थित एनआर स्टेडियम में हजारों की संख्या में शामिल हुए राज्य व केंद्र के सरकारी कर्मचारी पेंशन बहाली की मांग पर रेलवे ग्राउंड में आज हुंकार रैली केंद्र सरकार के खिलाफ कर्मचारी का जोरदार प्रदर्शन रहा और साफ तौर पे सरकार से ops को फिर लागू करने की मांग किए ।

सरकारी कर्मचारियों की मांग है सरकारी पुरानी पेंशन वापस चाहिए सरकार ने 2004 के बाद से पुरानी पेंशन बंद कर दी और एनपीएस लागू कर दिया उसका विरोध करते हैं और सरकार से मांग करते हैं कि पुरानी पेंशन वापस चाहिए लाखों की संख्या में आज कर्मचारी इकट्ठा हुए इस रैली के माध्यम से शक्ति प्रदर्शन कर सरकार को यह बताना चाहते कि अगर हमारी मांगे नहीं मानी तो आगामी मानसून सत्र में दिल्ली में इससे बड़ा प्रदर्शन होगा साथ ही कर्मचारियों का ये भी कहना है की सरकार राशन मकान और सब्सिडी दे सकती तो हमारे बूडापे की लाठी पेंशन को बहाल करने में क्या दिक्कत?

महंगाई की पुरानी पेंशन वापस की जाए

पुरानी पेंशन को लेकर आज बड़ा आंदोलन किया जा रहा है महंगाई की पुरानी पेंशन वापस की जाए जितने भी केंद्र सरकार और आज सरकारी कर्मचारी है सभी आए हुए अगर मांगे नहीं मानी गई तो अगला प्रदर्शन दिल्ली में होगा जिसमें पांच लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारी इकट्ठा होंगे और कांग्रेस शासित प्रदेशों में लागू हो सकती तो उत्तर प्रदेश में क्यू नही ?

हमारी मांग सीमित है ओल्ड पेंशन स्कीम को सरकार को लागू करना चाहिए जिससे हमारे बुढ़ापे का सहारा हो सके आज राज्य से जितने भी कर्मचारी आए हुए हैं UN sab ki mange bhi yahi यही है है 2004 में सरकार ओल्ड पेंशन स्कीम को बंद करके और न्यू पेंशन स्कीम ले आई हमारी यही मांग है कि ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से सुचारू ढंग से प्रदेश के कर्मचारियों को साथ-साथ राज्य केंद्र एवं राज्य के कर्मचारियों को दिया जाए।

आज हजारों की संख्या में लोग आए हैं और चारबाग का यह ग्राउंड पूरा पड़ा हुआ है और अभी यह तो शुरुआत है इस रैली के माध्यम से इस जनसभा के माध्यम से सरकार को आगाह करना चाहते हैं कि अगर आपने हमारी मांग नहीं मानी तो आगामी मानसून सत्र में हम इससे बड़ा प्रदर्शन या शक्ति प्रदर्शन करने जा रहे हैं।

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