Kerala में उठी अलग मालाबार राज्य की मांग,भाजपा ने जताया विरोध

Mona Jha
By Mona Jha

Kerala News : केरल में अलग राज्य की मांग को लेकर विवाद उठ खड़ा हुआ है। सुन्नी युवजन संगम पार्टी के नेता मुस्तफा मुण्डुपरा ने अलग राज्य की वकालत की है। इस बयान पर भाजपा ने कड़ी आपत्ति जताई है और स्पष्ट किया है कि वे राज्य के बंटवारे के हर कदम का पूरी ताकत से विरोध करेंगे। भाजपा ने इस मामले में कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टियों को भी निशाने पर लिया है, जिससे राजनीतिक माहौल गर्मा गया है।

भाजपा का कहना है कि राज्य के विभाजन से सामाजिक और आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं और वे किसी भी कीमत पर इसका समर्थन नहीं करेंगे। कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टियों पर निशाना साधते हुए भाजपा ने आरोप लगाया है कि वे इस मुद्दे पर स्पष्ट रुख अपनाने में विफल रहे हैं। यह मुद्दा राज्य की एकता और अखंडता को प्रभावित कर सकता है, और आने वाले दिनों में इस पर राजनीतिक हलकों में और चर्चा होने की संभावना है।

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11 के लिए अधिक सीटों की मांग

केरल के मालाबार क्षेत्र में कक्षा 11 में कम सीटों का मुद्दा इन दिनों राजनीति के केंद्र पर है। कांग्रेस, केएसयू और मुस्लिम लीग के छात्र संगठन मालाबार क्षेत्र में 11 के लिए अधिक सीटों की मांग कर रहे हैं।

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“अगर मालाबार राज्य होगा तो देश में क्या हो जाएगा”

सोमवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान मुस्तफा मुण्डुपरा ने कहा, “अगर मालाबार के लोग दक्षिणी केरल के लोगों के जितना ही टैक्स अदा करते हैं तो हमें यहां वही सुविधाएं मिलनी चाहिए। अगर यह अन्याय देखने पर किसी हिस्से से अलग मालाबार राज्य की मांग उठती है तो हम उन्हें दोष नहीं दे सकते हैं। इसे अलगाववाद कहने का कोई मतलब नहीं है। अगर मालाबार राज्य होगा तो देश में क्या हो जाएगा।” आपको बता दें कि केरल के मालाबार क्षेत्र में पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझीकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड जिले आते हैं।

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“केरल में कांग्रेस और कम्युनिस्ट दल घुटनों के बल है”

केरल भाजपा अध्यक्ष के. सुरेन्द्रन ने कहा, “जो कोई भी यह मानता है कि पॉपुलर फ्रंट पर प्रतिबंध लगाने से केरल में चरमपंथी ताकतें खत्म हो गई हैं, वह गलत है। केरल के विभाजन की मांग करने वाले एसवाईएस नेता मुस्तफा मुण्डुपरा दुस्साहस, सीएम पिनाराई विजयन व वीडी सतीसन की चुप्पी, कठोर सच्चाई को उजागर करती है। केरल में कांग्रेस और कम्युनिस्ट दल घुटनों के बल हैं।

वोटों के लिए बेशर्मी से राष्ट्रीय अखंडता से समझौता कर रही हैं।”सुरेंद्रन ने आगे कहा, “ये राजनीतिक संस्थाएं हमारे देश से अलगाववादी ताकतों को खत्म करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अटूट मिशन के लिए सबसे बड़ी बाधाएं हैं। भाजपा केरल को विभाजित करने के किसी भी कदम के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ेगी।”

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