Delhi वाले हो जायें सावधान! हथिनीकुंड बैराज से यमुना में छोड़ा गया पानी, बढ़ा बाढ़ का खतरा

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
हथिनीकुंड बैराज के 5 गेट खोले

Delhi News: पहाड़ी इलाकों में हो रही भारी बारिश का असर अब मैदानी क्षेत्रों में भी दिखाई देने लगा है। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। शनिवार को हरियाणा के यमुनानगर जिले स्थित हथिनीकुंड बैराज पर 39,205 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया। इसके चलते बैराज से दिल्ली (Delhi) की ओर 18,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।

हथिनीकुंड बैराज (Hathinikund Barrage) से पानी छोड़े जाने के कारण ही यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। इसके अलावा पूर्वी यमुना कैनाल में 3,510 क्यूसेक और पश्चिमी यमुना कैनाल में 17,510 क्यूसेक पानी डायवर्ट किया गया है। बैराज से बड़ी यमुना में पानी छोड़ने के बाद नीचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। स्थानीय प्रशासन ने सोशल मीडिया ग्रुप्स के जरिए लोगों को सूचित किया है, ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके।

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बैराज पर पानी का दबाव

उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में हो रही भारी बारिश के चलते यमुनानगर के हथिनीकुंड बैराज (Hathinikund Barrage) पर पानी का दबाव बढ़ता जा रहा है। बैराज के 5 गेट खोलकर पानी को बड़ी यमुना में डायवर्ट किया गया। सिंचाई विभाग के अधिकारियों के अनुसार, बैराज पर 39,205 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया, जिसे वेस्टर्न यमुना कैनाल और ईस्टर्न यमुना कैनाल में डायवर्ट किया गया।

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पानी का बड़ी मात्रा में डायवर्जन

मानसून के सीजन में यह पहली बार है जब यमुना नदी से इतनी बड़ी मात्रा में पानी डायवर्ट किया गया है। हर साल मॉनसूनी सीजन के दौरान हथिनीकुंड बैराज चर्चाओं में रहता है। इस बार भी दिल्ली में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बैराज पर पानी स्टोर नहीं किया जा सकता और यह सिर्फ पानी को डायवर्ट करने के लिए स्थापित किया गया है।

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पानी रोकने के आरोप

हाल ही में भीषण गर्मी के दौरान दिल्ली में जल संकट के समय दिल्ली सरकार ने हरियाणा पर पानी रोकने के आरोप लगाए थे। इस पर सिंचाई विभाग के एसडीओ नवीन रंगा ने स्पष्ट किया कि बैराज पर एक लाख क्यूसेक पानी दर्ज होने पर पूर्वी और पश्चिमी यमुना कैनाल को बंद कर पूरा पानी बड़ी यमुना में डायवर्ट कर दिया जाता है और इसे मिनी फ्लड घोषित किया जाता है। फिलहाल ऐसी स्थिति नहीं आई है।
नवीन रंगा ने बताया कि जब ढाई लाख क्यूसेक पानी आता है तो फ्लड घोषित कर दिया जाता है। शनिवार को छोड़े गए पानी के बारे में सोशल मीडिया ग्रुप्स के जरिए नीचले इलाकों में सूचना दी गई है, ताकि किसी तरह की अनहोनी न हो।

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भविष्य की तैयारी

कैचमेंट एरिया में हो रही बारिश के चलते जलस्तर में और वृद्धि होने की संभावना है। मॉनसून की बारिश शुरू हो चुकी है, जिससे आने वाले दिनों में जलस्तर और बढ़ सकता है। इस स्थिति को देखते हुए स्थानीय प्रशासन और सिंचाई विभाग पूरी तैयारी में है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सतर्क है।
इस वर्ष की मानसूनी बारिश ने पहले ही संकेत दे दिया है कि आने वाले समय में बाढ़ जैसी परिस्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं। ऐसे में प्रशासन की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई अत्यंत महत्वपूर्ण है। पहाड़ों में हो रही बारिश का मैदानी इलाकों पर क्या असर पड़ेगा, यह तो आने वाले दिनों में ही स्पष्ट होगा।

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