Delhi Weather: रविवार सुबह दिल्ली के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हुई, जिससे मौसम सुहाना हो गया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले दो दिनों के दौरान राजधानी में गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना जताई है। आईएमडी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, “दिल्ली में आसमान आमतौर पर बादलों से घिरा रहेगा और अगले 48 घंटों में बारिश के साथ बिजली चमकने की संभावना है।”
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तापमान में नहीं आया खास बदलाव
आईएमडी के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में राजधानी दिल्ली में न्यूनतम और अधिकतम तापमान में कोई विशेष बदलाव नहीं देखा गया है। अधिकतम तापमान 36-37 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 25-29 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया, जो सामान्य के करीब है। मौसम विभाग ने बताया कि दक्षिण-पश्चिमी दिशा से 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं, जिससे वातावरण में थोड़ी नमी बढ़ी है।
मानसून ट्रफ और वायुसंचालन की स्थिति
आईएमडी ने बताया कि समुद्र तल पर मानसून ट्रफ सूरतगढ़, सिरसा, दिल्ली, लखनऊ, वाराणसी, डाल्टनगंज, बांकुरा और दीघा होते हुए उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। इसके अलावा, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के आसपास के क्षेत्रों में समुद्र तल से 1.5 किमी ऊंचाई पर एक ऊपरी वायु चक्रवाती परिसंचरण सक्रिय है, जो क्षेत्रीय वर्षा गतिविधियों को प्रभावित कर रहा है।
हिमाचल में मानसून की तबाही से 75 मौतें
मानसून सीजन हिमाचल प्रदेश में भारी तबाही लेकर आया है। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (SEOC) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, 20 जून से 4 जुलाई 2025 तक बारिश से जुड़ी घटनाओं में अब तक कुल 75 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें 45 मौतें सीधे मौसम से जुड़ी घटनाओं (भूस्खलन, बादल फटना, बाढ़) से हुईं, जबकि 30 मौतें सड़क दुर्घटनाओं, बिजली गिरने और गैस विस्फोट जैसी आकस्मिक घटनाओं से हुईं।
सार्वजनिक व निजी संपत्तियों को भारी नुकसान
एसईओसी द्वारा जारी मौसमी नुकसान रिपोर्ट के अनुसार, इस अवधि में हिमाचल में कुल 288 लोग घायल हुए और सार्वजनिक तथा निजी संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा है। अब तक का अनुमानित वित्तीय नुकसान 541.09 करोड़ रुपये बताया गया है। भारी बारिश और भूस्खलन के चलते कई सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, जिससे आवागमन में बाधा आई है।
कृषि, पशुपालन और ग्रामीण जीवन पर भी असर
हजारों हेक्टेयर में फैली कृषि और बागवानी की फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। इसके साथ ही ग्रामीण इलाकों में पशुधन की हानि भी सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 10,168 जानवर और पक्षी मारे जा चुके हैं, जिनमें 10,000 मुर्गियां और 168 मवेशी शामिल हैं। इससे ग्रामीण आजीविका पर गहरा असर पड़ा है। जहां एक ओर दिल्ली में बारिश से गर्मी से राहत मिल रही है, वहीं हिमाचल प्रदेश में मानसून कहर बनकर टूट रहा है। प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन हालात गंभीर बने हुए हैं। मौसम विभाग की ताजा चेतावनियों को देखते हुए आने वाले दिनों में और सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।
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