दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई CAQM ने बताया कि प्रदूषण को रोकने के उपायों के तहत इस साल क्षेत्रीय समीक्षा बैठक शामिल हैंl जिसमे वायु प्रदूषण के मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई जस्टिस अभय एस ओक की अध्यक्षता वाली बेंच में प्रदूषण पर सुनवाई के दौरान लगाई गई कड़ी फटकार जिसके बाद प्रदूषण के मामले पर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने अपना पक्ष रखाCAQM ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष उठाए गए कदमों पर दाखिल रिपोर्ट के आधार पर कहा कि परामर्श के बाद NCR के वायु गुणवत्ता प्रबंधन की विस्तृत योजना बनाई गई है आयोग ने बताया कि प्रदूषण को लेकर राष्ट्रीय मानक की तुलना में दिल्ली NCR मे अधिक कड़े उत्सर्जन मानक व मानदंड हैंl
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केंद्रीय आयोग की विशेषज्ञता पर उठे सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और सीएक्यूएम से पूछा कि पराली जलाने के लिए किसानों और अधिकारियों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई क्यों नहीं की गई केंद्रीय आयोग की विशेषज्ञता पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से तकनीकी सदस्यों की योग्यता के बारे में पूछा और कहा कि पुलिस और राज्य के अधिकारी बैठकों में क्यों नहीं आ रहे हैं कार्यान्वयन पर रिपोर्ट क्यों नहीं दे रहे हैं अगर समिति कार्यान्वयन की समीक्षा नहीं करती है तो कार्यान्वयन कौन करेगाl
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29 अगस्त को ही हुई बैठक
पीठ ने कहा कि पराली जलाने के मुद्दे पर सीएक्यूएम की 29 अगस्त को ही बैठक हुई थी। इस बैठक में 11 में से केवल पांच सदस्य ही मौजूद थे, जहां उनके द्वारा जारी किए गए निर्देशों को लागू करने पर चर्चा तक नहीं हुई। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (Commission for Air Quality Management (CAQM)) को फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने सीएक्यूएम से कहा कि उन्होंने पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को लागू कराने के लिए कुछ नहीं किया। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि सीएक्यूएम ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के इलाकों में पराली जलाने की घटनाओं के खिलाफ एक भी मुकदमा नहीं चलाया है।
किसानों के खिलाफ भी कुछ खास कार्रवाई नहीं
पीठ ने कहा कि पराली जलाने के मुद्दे पर सीएक्यूएम की 29 अगस्त को ही बैठक हुई थी। इस बैठक में 11 में से केवल पांच सदस्य ही मौजूद थे, जहां उनके द्वारा जारी किए गए निर्देशों को लागू करने पर चर्चा तक नहीं हुई। शीर्ष अदालत ने पंजाब और हरियाणा सरकारों को भी फटकार लगाते हुए कहा कि दोनों राज्यों ने पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ भी कुछ खास कार्रवाई नहीं की है और बहुत ही कम जुर्माना वसूला गया है। न्यायालय ने केंद्र और सीएक्यूएम को एक सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। अब कोर्ट इस मामले पर 16 अक्टूबर को अगली सुनवाई करेगी।
आदमखोर तेंदुओं को देखते ही गोली मारने के आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के मुख्य वन्यजीव वार्डन द्वारा आदमखोर तेंदुओं को देखते ही गोली मारने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति जताई। इस पर वकील ने आज ही सुनवाई की मांग की क्योंकि राजस्थान रिजर्व में तेंदुओं को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। गौरतलब है कि उदयपुर जिलों के गांवों में आदमखोर तेंदुओं का आतंक है। पिछले 12 दिनों में तेंदुए 8 लोगों की जान ले चुके हैं।