Arvind Kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के लिए आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। सुप्रीम कोर्ट आज दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में उनकी जमानत याचिका पर अपना फैसला सुनाएगा। यह मामला सीबीआई द्वारा दर्ज किया गया है और केजरीवाल इस समय तिहाड़ जेल में बंद हैं। इससे पहले, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है, लेकिन अब सीबीआई केस में जमानत की उम्मीदें टिकी हैं।
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सीबीआई केस में पूर्व डिप्टी सीएम को मिली जमानत
सीबीआई से जुड़े इस भ्रष्टाचार मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को पहले ही जमानत मिल चुकी है। अब देखना होगा कि क्या सुप्रीम कोर्ट आज केजरीवाल को भी जमानत देने का निर्णय लेता है। इस केस में जमानत याचिका पर फैसला सुनाने से पहले सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता और सबूतों की जांच की है।
वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलें
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अपनी दलीलें पेश कीं। सिंघवी का तर्क था कि सीबीआई द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी उस समय की गई जब ईडी से जुड़े केस में उन्हें जमानत मिल चुकी थी। सिंघवी ने कहा कि सीबीआई ने पहले काफी समय तक गिरफ्तारी से परहेज किया और अचानक गिरफ्तारी के पीछे गलत इरादे नजर आते हैं।
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दिल्ली शराब घोटाला केस
दिल्ली शराब घोटाला केस दिल्ली सरकार की आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण और क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित है। इस नीति को बाद में निरस्त कर दिया गया था। ईडी ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया, जबकि सीबीआई और ईडी के अनुसार, आबकारी नीति में संशोधन कर लाइसेंसधारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया। सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई को ईडी मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी थी।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए पहले के आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही आदेश दिया था कि सीबीआई की ओर से केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद अब उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। हालांकि, अदालत ने यह भी माना कि गिरफ्तारी अकारण या अवैध नहीं है। उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत संबंधी याचिका पर निचली अदालत से संपर्क करने की अनुमति दी थी। केजरीवाल ने दिल्ली उच्च न्यायालय के पांच अगस्त के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की प्रतीक्षा
अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने पांच सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब उनके समर्थक और राजनीतिक विश्लेषक दोनों ही इस फैसले का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। केजरीवाल को उम्मीद है कि सिंघवी की दलीलों से उनका पक्ष मजबूत हुआ है और उन्हें आज राहत मिल सकती है। वर्तमान में, केजरीवाल करीब 156 दिनों से जेल में बंद हैं, और उनकी जमानत की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला इस राजनीतिक ड्रामे का अहम मोड़ हो सकता है।केजरीवाल की जमानत याचिका का फैसला आने के बाद राजनीतिक समीकरणों में बदलाव संभव है। सुप्रीम कोर्ट का निर्णय इस बात पर निर्भर करेगा कि क्या सीबीआई की गिरफ्तारी सही थी या इसे राजनीति के तहत तर्कित किया जा सकता है। अब देखना दिलचस्प होगा कि यह निर्णय देश के राजनीतिक माहौल को भी प्रभावित कर सकता है।