Delhi Excise Policy Case: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और वकील विनोद चौहान (Vinod Chauhan) की न्यायिक हिरासत को राउज एवेन्यू कोर्ट ने 3 जुलाई तक बढ़ा दिया है। न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद दोनों को बुधवार को तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया।
जैसा की आप सब जानते है कि दिल्ली आबकारी घोटाले में सीबीआई (CBI) और ईडी (ED) ने आरोप लगाया है कि आबकारी नीति को संशोधित करते समय लापरवाही की गई थी और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया था। इसमें लाइसेंस शुल्क माफ या कम किया गया था। इस नीति से सरकारी खजाने को 144.36 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इस मामले में अब तक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal), मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia), संजय सिंह (Sanjay Singh) गिरफ्तार हो चुके हैं।
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केजरीवाल की गिरफ्तारी और अस्थायी जमानत
आबकारी नीति घोटाले (excise policy scams) में ईडी ने 21 मार्च को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 2 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। तब से वह तिहाड़ जेल में हिरासत में हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान सुप्रीम कोर्ट से मिली तीन सप्ताह की अस्थायी जमानत पर 1 जून तक बाहर रहे, लेकिन मतदान समाप्त होने के बाद 2 जून को उन्होंने दोबारा सरेंडर कर दिया था।
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अदालत ने अंतरिम जमानत याचिका की खारिज
इससे पहले, अदालत ने केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया था और उनकी न्यायिक हिरासत को 19 जून तक बढ़ा दिया था। ईडी के आरोप पत्र में बताया गया है कि राजधानी में शराब के व्यापार में निवेश के बदले रिश्वत ली गई थी। पंजाब के व्यापारियों से भी रिश्वत लेने के आरोप हैं, जिन्होंने निवेश किया था। जिन्होंने रिश्वत नहीं दी उन्हें निवेश की अनुमति नहीं दी गई थी।
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पहली बार राजनीतिक पार्टी पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला
यह पहला मौका है जब पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) के तहत किसी राजनीतिक पार्टी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन से उस याचिका पर भी जवाब मांगा है, जिसमें केजरीवाल ने अपने स्वास्थ्य और उपचार का निर्धारण करने के लिए गठित मेडिकल बोर्ड में पत्नी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल होने की अनुमति मांगी थी। अदालत ने ईडी की आपत्ति को खारिज करते हुए कहा कि केजरीवाल न्यायिक हिरासत में हैं, ईडी की इसमें कोई भूमिका नहीं है।