Delhi Elections Result: दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly elections) के परिणाम आना शुरू हो चुके हैं, और शुरुआती रुझानों में बीजेपी को बहुमत मिलता हुआ नजर आ रहा है। बीजेपी 39 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) 28 सीटों पर आगे है, और कांग्रेस 2 सीटों पर आगे दिख रही है। खासकर, नई दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल और कालकाजी सीट से आतिशी पीछे चल रहे हैं। अगर यही रुझान कायम रहता है, तो दिल्ली में 27 साल बाद बीजेपी की सरकार बनती हुई दिखाई दे रही है। आइए जानते हैं कि बीजेपी की इस बड़ी जीत के पीछे के प्रमुख कारण क्या हैं।
बीजेपी की माइक्रो मैनेजमेंट रणनीति

बताते चले कि, बीजेपी के जीतने का एक बड़ा कारण पार्टी की माइक्रो मैनेजमेंट रणनीति रही है। पार्टी ने विशेष रूप से यूपी और बिहार के वोटर्स को साधने के लिए एक रणनीतिक योजना बनाई थी। यूपी और बिहार के 100 से अधिक सांसदों और विधायकों को 30 सीटों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इन सांसदों और विधायकों ने अपने क्षेत्रों में घर-घर जाकर आम आदमी पार्टी की सरकार की विफलताओं को उजागर किया। बीजेपी के इस तरीके के कारण पार्टी को इस चुनाव में 27 साल बाद बड़ी जीत मिलती नजर आ रही है।
आप सरकार के खिलाफ एंटी इनकम्बेंसी और जनता का गुस्सा

दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) के खिलाफ एक लंबी एंटी इनकमबेंसी थी। पार्टी के कई बड़े नेता भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में थे। इसके अलावा, अधिकांश विधायकों के खिलाफ जनता के बीच गुस्सा था। कई विधायक तो ऐसे थे, जो अपने क्षेत्रों में लोगों से संपर्क तक नहीं करते थे। इन सब कारणों के चलते पार्टी की सरकार के खिलाफ जनता का गुस्सा बढ़ा था, और इसने बीजेपी की मदद की।
आप सरकार की शराब नीति और भ्रष्टाचार के आरोप

आम आदमी पार्टी की शराब नीति भी पार्टी की हार का एक बड़ा कारण बनी। बीजेपी ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया और शराब नीति में हुए कथित घोटाले को बड़ा मुद्दा बना दिया। पार्टी ने बताया कि जो पार्टी भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़ी होने का दावा करती है, उसके बड़े नेता जैसे मनीष सिसोदिया, अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल गए थे। बीजेपी ने प्रचार के दौरान इस मुद्दे को बार-बार उठाया, जिससे यह मुद्दा दिल्ली चुनाव में प्रमुख बन गया।
बीजेपी की सक्रिय चुनावी रणनीति

बीजेपी किसी भी चुनाव को जी-जान से लड़ती है, चाहे वह निकाय चुनाव हो या विधानसभा चुनाव। दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी ने सभी 70 सीटों की जिम्मेदारी अपने सांसदों और विधायकों को दी थी। इसके अलावा, यूपी, राजस्थान, मध्यप्रदेश, असम, उत्तराखंड और हरियाणा के मुख्यमंत्री भी बीजेपी के पक्ष में प्रचार करने के लिए मैदान में उतरे थे। केंद्रीय नेताओं, जैसे पीएम मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा और राजनाथ सिंह ने भी दर्जनों रैलियां की, जिससे बीजेपी के पक्ष में माहौल बना। इन तमाम कोशिशों का परिणाम अब दिल्ली चुनाव में देखने को मिल रहा है।