Delhi Election 2025: पिछले कई महीनों से दिल्ली में चल रही सियासी खींचतान का सिलसिला अब थम गया है. सभी पार्टियों ने दिल्ली के तख्तानशी के लिए पूरा जोर लगाया है.इस बार आम आदमी पार्टी और भाजपा के जंग के बीच कांग्रेस भी कूदी है. पिछले दो चुनाव से कांग्रेस एक भी सीट जीतने में नाकामयाब रही थी.इसलिए पार्टी ने इस बार अपनी चुनावी रणनीति में तब्दीली लाई. कांग्रेस ने इस बार भाजपा से ज्यादा आम आदमी पार्टी को निशाने पर लिया.कांग्रेस के प्रत्याशी और बड़े लीडर यहां तक खुद राहुल गांधी ने भी केजरीवाल के खिलाफ खुलकर बैटिंग की… चुनावी रैलियों में राहुल ने केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा.
AAP और कांग्रेस के बीच तीखी बयानबाजी

बताते चले कि, लोकसभा में मिलकर लड़ने वाले इस चुनाव में अलग होते दिखाई दिए. दोनों ने एक दूसरे को निशाने पर लिया और खुलकर एक दूसरे पर शब्दों के बाण छोड़े.. खैर इस लड़ाई की शुरूआत आम आदमी पार्टी ने ही की थी. चुनाव के ऐलान के बाद से ही ये लड़ाई शुरू हो गई थी.आम आदमी पार्टी की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस करते वक्त कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाया था.
कांग्रेस की नई रणनीति, AAP से सीधी टक्कर
वैसे तो कांग्रेस दिल्ली की 70 सीटों पर जमकर मेहनत की है पर कुछ सीटों पर असली लड़ाई सीधे AAP के साथ आमने सामने की हो गई है. पिछले एक दशक से निष्क्रिय और प्रासंगिकता के लिए संघर्ष कर रही कांग्रेस रणनीतिक रूप से दिल्ली की 20-25 सीटों पर फोकस कर रही है. जाहिर है कि कांग्रेस की रणनीति से आम आदमी पार्टी को अकेले चुनाव लड़ने की अपनी रणनीति पर पश्चाताप हो रहा होगा.कांग्रेस ने इस बार अपनी रणीनीति में बदलाव किया है.
मुस्लिम-दलित पर कांग्रेस का फोकस

- राहुल ने मुस्लिम-दलित बस्तियों का दौरा किया
- 2020 के दंगा प्रभावित इलाकों में पहुंचे राहुल
- दलित-मुस्लिम वोटर्स को साधने में कामयाब हुए राहुल
- कांग्रेस आप को 12 सीटों पर दे रही कड़ी टक्कर
कांग्रेस की रणनीति
आम आदमी पार्टी के तल्ख विरोध के पीछे कांग्रेस की रणनीति है कि जब तक दिल्ली में आप का सफाया नहीं होगा कांग्रेस अपने पुराने रूप में वापस नहीं आ पाएगी. 2013 में दिल्ली की चुनावी राजनीति में AAP के प्रवेश के बाद से कांग्रेस का ग्राफ गिरता गया.
साल दर साल कांग्रेस का गिरता ग्राफ

- 2013 में कांग्रेस का वोट शेयर 25%
- 2015 में कांग्रेस का वोट शेयर 9.7%
- 2020 में कांग्रेस का वोट शेयर 4.3%
AAP के प्रवेश से कांग्रेस का वोट शेयर घटा
आपको बता दे कि, 2013 के विधानसभा चुनाव में AAP ने 30% वोट हासिल किए, जिससे कांग्रेस की वोट हिस्सेदारी घटकर 25% रह गई. यह गिरावट जारी रही और 2015 में कांग्रेस का वोट प्रतिशत 9.7% पर आ गया, जो 2020 में और घटकर 4.3% रह गया.
कांग्रेस की पूरी ताकत AAP के खिलाफ

जैसे AAP बढ़ती गई कांग्रेस का पतन होता रहा. AAP ने पिछले दो विधानसभा चुनावों में 50% से अधिक वोट प्राप्त किए—2015 में 54.3% और 2020 में 53.5%. इस बार के चुनावों में कांग्रेस को AAP के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर और भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच मौका नजर आ रहा है. यही कारण है कि दिल्ली में AAP को कड़ी टक्कर देने के लिए कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी है….. देखने ये होगा कांग्रेस की ये चाल कितनी कामयाब हो पाती है.
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