Delhi Disaster Mock Drills :दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में आज सुबह से ही सायरन की आवाजें गूंजने लगीं और लोगों को कुछ देर के लिए भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह सब एक मेगा मॉकड्रिल का हिस्सा है। यह अभ्यास दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में भूकंप जैसी आपदा की स्थिति में प्रशासन की तत्परता और जनता की जागरूकता को परखने के लिए किया जा रहा है।
यमुनापार से शुरू हुआ अभ्यास

दिल्ली के 11 जिलों के 55 प्रमुख स्थानों पर यह मॉकड्रिल आयोजित की जा रही है। यमुनापार से शुरू हुई इस आपदा प्रबंधन ड्रिल में पुलिस, फायर ब्रिगेड, स्वास्थ्य विभाग, नागरिक सुरक्षा और प्रशासनिक टीमें सक्रिय रूप से शामिल हुई हैं।अधिकारियों के मुताबिक, इस मॉकड्रिल का उद्देश्य केवल सरकारी एजेंसियों की प्रतिक्रिया क्षमता जांचना ही नहीं है, बल्कि सामान्य नागरिकों को भी प्रशिक्षित और सतर्क करना है कि भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा आने पर उन्हें क्या कदम उठाने चाहिए।
गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा में भी व्यापक अभ्यास

केवल दिल्ली ही नहीं, गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा में भी आपदा प्रबंधन से जुड़ी मॉकड्रिल की जा रही है।गाजियाबाद के संजय नगर स्थित संयुक्त जिला अस्पताल में इस अभ्यास की शुरुआत हुई, जहां चिकित्सकीय आपात स्थिति में प्रतिक्रिया का जायजा लिया गया।वहीं ग्रेटर नोएडा में चार अलग-अलग स्थानों पर भूकंप और औद्योगिक आपदा से बचाव की मॉकड्रिल की गई। इनमें विकास भवन, राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान, डब्ल्यूएचओ सोसायटी और सावित्रीबाई फुले कन्या इंटर कॉलेज शामिल हैं।यह पूरा अभ्यास जिला प्रशासन की देखरेख में चल रहा है।
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क्यों की जाती है ऐसी मॉकड्रिल?
दिल्ली-NCR भूकंपीय क्षेत्र-4 में आता है, जो कि एक उच्च खतरे वाला भूकंपीय क्षेत्र माना जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो भविष्य में किसी भी समय बड़ा भूकंप आ सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर इस तरह की मॉकड्रिल की जाती है ताकि प्रशासन, राहत एजेंसियां और आम जनता सभी मानसिक रूप से तैयार रहें।