Rajendra Nagar Accident: SUV ड्राइवर सहित 5 आरोपियों की जमानत याचिका खारिज..क्या है आरोप?

Aanchal Singh
By Aanchal Singh
rao ias coaching centre

Rajendra Nagar Accident: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्रनगर (Old Rajendranagar) में शनिवार को राव आईएएस कोचिंग सेंटर (Rao IAS coaching center) के बेसमेंट में चल रही लाइब्रेरी में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत का मामला इस समय पूरे देश में गूंज रहा है. आज दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने राजेंद्र नगर राव आईएएस कोचिंग सेंटर में हुई मौत के मामले में एसयूवी ड्राइवर और चार अन्य आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है.

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अदालत ने जमानत याचिका खारिज की

अदालत ने जमानत याचिका खारिज की

बताते चले कि अदालत ने एसयूवी ड्राइवर (SUV driver) मनुज कथूरिया और उसके चार साथियों तेजिंदर, हरविंदर, परविंदर, और सरबजीत की जमानत याचिका पर निर्णय लेते हुए उनकी जमानत को अस्वीकार कर दिया है. इस मामले में आरोप है कि मनुज कथूरिया ने बारिश के पानी से भरी सड़क पर तेज गति से एसयूवी चलाते हुए कोचिंग सेंटर के गेट को तोड़ दिया, जिसके परिणामस्वरूप बेसमेंट में पानी भर गया. दिल्ली पुलिस ने कथूरिया को गिरफ्तार कर लिया था.

कब होगी अगली सुनवाई ?

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अदालत ने मनुज कथूरिया की गिरफ्तारी को अवैध ठहराने की मांग वाली याचिका पर जांच अधिकारी से जवाब मांगा है. इस मामले की अगली सुनवाई 7 अगस्त को होगी. मंगलवार को अदालत ने इस हादसे के संबंध में गिरफ्तार एसयूवी ड्राइवर और बेसमेंट के चार सह-मालिकों की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

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‘यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना कई कारणों से हुई’

'यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना कई कारणों से हुई'

मनुज कथूरिया के वकील राकेश मल्होत्रा (Rakesh Malhotra) ने जमानत के लिए याचिका प्रस्तुत करते हुए कहा कि उनके मुवक्किल को घटना की गंभीरता का पूर्वानुमान नहीं था और न ही वह इसे जानबूझकर अंजाम देने का इरादा रखते थे. राकेश मल्होत्रा ने यह भी कहा कि जलभराव वाले क्षेत्रों में वाहन चलाना अत्यंत कठिन होता है और यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना कई कारणों से हुई है.

अदालत ने कानूनी कार्रवाई को जारी रखने का आदेश दिया

अदालत ने कानूनी कार्रवाई को जारी रखने का आदेश दिया

आपको बता दे कि वकील ने यह भी कहा कि मुख्य कारण यह था कि लाइब्रेरी जैसी गतिविधियां अवैध रूप से उन स्थलों पर चल रही थीं, जिनके लिए वे निर्धारित नहीं थे, और दूसरा कारण दिल्ली नगर निगम (Delhi Municipal Corporation) और दिल्ली जल बोर्ड (Delhi Jal Board) की जलभराव को रोकने में विफलता थी.अदालत ने ड्राइवर और अन्य आरोपियों की जमानत याचिकाओं को खारिज करते हुए मामले की जांच और कानूनी कार्रवाई को जारी रखने का आदेश दिया है.

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