Delhi Assembly Elections: दिल्ली विधानसभा चुनाव का काउंटडाउन स्टार्ट हो गया है कुछ ही दिनों में बहुत जल्द केंद्रीय निर्वाचन आयोग दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है लेकिन उससे पहले सभी राजनीतिक दल दिल्ली में अपनी-अपनी सरकार बनाने के लिए हर जोर-आजमाइश में जुटे हुए हैं।एक तरफ जहां आम आदमी पार्टी दिल्ली की जनता को लोक लुभावन योजनाओं के जरिए साधने में लगी है तो वहीं भारतीय जनता पार्टी की ओर से चुनाव की कमान अब खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संभाल ली है यही कारण है दिल्ली में बीजेपी ने अबतक कोई मुख्यमंत्री चेहरे का ऐलान नहीं किया है।
दिल्ली में क्या इस बार खत्म होगा BJP का सूखा?

भारतीय जनता पार्टी दिल्ली में 27 सालों से सत्ता से दूर है जिसका सूखा खत्म करने की बीजेपी की इस बार खास रणनीति है।दिल्ली में आम आदमी पार्टी का मुकाबला करने के लिए भाजपा ने खास रणनीति बनाई है भाजपा का मानना है कि,अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के भ्रष्टाचार का मुद्दा अब जनता तक पहुंच गया है जिसका फायदा चुनाव में उठाया जा सकता है।भाजपा ने दिल्ली की जनता की नब्ज टटोलने की कोशिश की है भाजपा का टारगेट है दिल्ली की आम समस्याओं के दम पर आप को कड़ी टक्कर दी जा सके।
आम समस्याओं को मुद्दा बनाकर AAP को घेरने की तैयारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में वायु प्रदूषण और यमुना नदी की खस्ताहाल समस्या का मुद्दा उठाकर आप को घेरा है।दिल्ली में जनता के सामने अमित शाह और पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री के आलीशान शीशमहल को लेकर अरविंद केजरीवाल के भ्रष्टाचार और दिल्ली की जनता के साथ धोखे के तौर पर पेश किया है भाजपा को लगता है आम आदमी पार्टी की यह एक कमजोर कड़ी है।
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बसपा-कांग्रेस लगाएगी AAP के वोटों में सेंध!
उत्तर प्रदेश,महाराष्ट्र,मध्य प्रदेश,गुजरात और राजस्थान जैसे राज्यों का उदाहरण देकर बीजेपी दिल्ली की जनता के सामने ये पेश करने के प्रयास में लगी है कि,दिल्ली में भी अब भाजपा के नेतृत्व वाली डबल इंजन सरकार की जरुरत है।भाजपा ने आप की दो बड़ी मुफ्त बिजली योजना और पानी का बिल फ्री कराने का तोड़ निकाल लिया है

भाजपा ने दिल्ली में झुग्गी-बस्तियों में रहने वाले लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों पीएम आवास की चाबी देकर इसकी शुरुआत भी कर दी है।कांग्रेस और बसपा के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप को टक्कर देने का फायदा भाजपा को मिल सकता है भाजपा को लगता है बसपा और कांग्रेस आम आदमी पार्टी के वोटों में सेंध लगाएगी जिसका फायदा भारतीय जनता पार्टी को मिल सकता है।