तेज़ी से बढ़ रहे Deepfake के मामले,बचाव के लिए अपनाएं ये सुझाव

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

Deepfake: आज कल Deepfake शब्द काफी ज्यादा सुर्खियों में है। मनोरंजन जगत से लगाकर आम लोग इसका शिकार होते जा रहे है। किसी भी रियल वीडियो में किसी दूसरे का चेहरा को लगा कर उसका गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। आए दिन इसके मामले बढ़ते ही जा रहे है। सरकार पूरी तरह से इस मामले पर शिकंजा कसने की तैयारी में है, लेकिन फिर भी ये मामले थमने का नाम नही ले रहे है। रांची में 8 लड़कियों के Deepfake वीडियों का मामला भी सामने आ चुका है।

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ये हस्तियां हुई Deepfake का शिकार

बता दे कि पीएम मोदी ने भी इस मामले पर चिंता जताई थी और सभी को इससे सचेत रहने को कहा था। साइबर सेल से लेकर प्रशासन तक सभी के लिए ये मामला सिर दर्द बना हुआ है। Deepfake मामले में मनोरंजन जगत की मशहूर हस्तियां रश्मिका मंदाना, काजोल, कैटरीना कैफ और सचिन तेंदुलकर की बेटी सारा तेंदुलकर और बिजनेसमैन रतन टाटा सहित कई अन्य के नाम शामिल है।

आखिर क्या है ये Deepfake ?

ये शब्द तो बहुत ही ज्यादा सुर्रखियों में है, लेकिन क्या आपको पता है कि ये Deepfake क्या होता है? ये एक तरह की नई तकनीक है, जिसके जरिए किसी दूसरे की रिअल फोटो या वीडियो के साथ छेड़छाड कर के उसका डुप्लीकेट वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर वायरल किया जाता है।

डीपफेक फोटो और वीडियो दोनों के रूप में हो सकता है। इसको स्पेशल मशीन लर्निंग के इस्तेमाल से बनाया जाता है जिसे डीप लर्निंग कहते है। डीप लर्निंग में कंप्यूटर को दो वीडियोज या फोटो दिए जाते हैं जिन्हें देखकर वह खुद ही दोनों वीडियो या फोटो को एक ही जैसा बनाता है। यह ठीक उसी तरह है जैसे बच्चा किसी चीज की नकल करता है। इस तरह के फोटो वीडियोज में हिडेन लेयर्स होते हैं जिन्हें सिर्फ एडिटिंग सॉफ्टवेयर से ही देखा जाता है। एक लाइन में कहें तो डीपफेक, रियल इमेज-वीडियोज को बेहतर रियल फेक फोटो-वीडियोज में बदलने की एक प्रक्रिया है। डीपफेक फोटो-वीडियोज फेक होते हुए भी रियल नजर आते हैं।

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जानें किस तरह करें Deepfake वीडियो की पहचान..

अगर आपको कभी किसी भी वीडियो को देख कर लगे कि ये फेक वीडियों है तो आप उसमें हुए बदलावों पर नजर डाले। कई बार ऐसी वीडियो में आपको हाथ-पैर कि मूवमेंट पर ज्यादा नजर देनी चाहिए। कुछ प्लेटफॉर्म एआई जनरेटेड कंटेंट के लिए वॉटरमार्क या अस्वीकरण जोड़ते हैं कि कंटेंट एआई से जनरेट किया गया है। हमेशा ऐसे निशान या डिसक्लेमर को ध्यान से चेक करें। फेक वीडियों की पहचान करने में एआइ टूल की मदद ले सकते है। कई ऐसे टूल है, जिनकी मदद से फेक वीडियों की पहचान किया जा सकता है।

पहले दोस्ती, फिर प्यार उसके बाद Deepfake का बनाया शिकार

रांची में भी Deepfake के मामले सामने आए है। जहां पर 8 लड़कियों के न्यूड वीडियों वायरल किए गए है। रांची में एक मामला सामने आया था, जिस में पुलिस ने मामले पर कारवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। एक केस ऐसा था जिसमें आरोपी पहले लड़कियों से दोस्ती करता, फिर प्यार के जाल में फसा कर उनसे फोटो और वीडियों मांगता। सभी को एक साथ एकट्टा करने के बाद उसको एडित करता सोशल मीडिया पर उसे वायरल करता और लड़कियों को ब्लैकमेल करता।

2022 का केस आया सामने

साल 2022 का एक केस है जिसमें एक महिला के दोस्त ने एआइ टूल की मदद से उसकी फोटो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। लेकिन उस वीडियों को सामान तौर पर जब देखा गया तो पहचान करना मुश्किल था कि वो असली है या नकली। लेकिन साइबर सेल की मदद से उस वीडियों के बारें में पता चला कि वो फेक है।

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