राजस्थान: देश के 5 राज्यो में विधानसभा चुनाव होने जा रहा वही बात करे राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में कांग्रेस में राजस्थान को लेकर बड़ी तैयारियां हैं कर्नाटक विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद अब राजस्थान कांग्रेस में चल रहे बवाल पर कभी भी बड़ा फैसला लिया जा सकता है। राजस्थान में पिछले कई महीनों से चल रहे सियासी घटनाक्रम को देखते हुए कांग्रेस हाईकमान ने दिल्ली में उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है।
इस बैठक में राहुल गांधी, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिन्दर सिंह रंधावा सहित कुछ चुनींदा बड़े नेता हिस्सा लेंगे। इस बैठक में शामिल होने के लिए सुखजिन्दर सिंह रंधावा करौली दौरे से अचानक दिल्ली पहुंचे हैं इसी बीच राजस्थान पर फैसले की घड़ी भी आ गई है. दिल्ली में 6 जुलाई को राजस्थान कांग्रेस को लेकर एक बड़ी और अहम बैठक होनी है. साथ ही इस बैठक में सचिन पायलट के सियासी भविष्य को लेकर भी फैसला हो सकता है
सचिन पायलट पर हो सकता है फैसला
आपको बता दें विधानसभा चुनाव को लेकर इस बैठक में रणनीतिक रूप से चर्चा की जाएगी. इस बैठक में राजस्थान कांग्रेस के प्रमुख नेता मौजूद रहेंगे. साथ ही राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे के भी मौजूद रहने के संकेत हैं. वही सचिन पायलट को अपने समर्थक नेताओं के टिकटों की भी चिंता है। पायलट टिकट वितरण में अपना रोल चाहेंगे। पायलट चाहते हैं कि टिकट वितरण में उनके समर्थकों को पहले की तरह ही अहमियत दी जाए। टिकट बांटने में रोल होने से ही पायलट अपने समर्थकों की पैरवी कर सकेंगे। सुलह की टेबल पर आने के समय से ही समर्थकों के टिकट पायलट का मुख्य कंसर्न है।
वही सबसे अहम इस बात की भी चर्चा होगी कि आखिर पूर्व डिप्टी सीएम और पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट की विधानसभा चुनाव में क्या भूमिका होगी. पिछले दिनों हुई मुलाकात में सचिन पायलट ने सब कुछ राहुल गांधी पर छोड़ दिया था, जिसके बाद राहुल गांधी की ओर से भी उन्हें पूरा सम्मान दिए जाने का आश्वासन दिया गया है. ऐसे में सचिन पायलट को क्या कुछ जिम्मेदारी मिलती है. ये भी देखना अहम होगा.
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सीएम गहलोत भी बैठक में हो सकते हैं शामिल
वहीं इस बैठक में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और गोविंद सिंह डोटासरा मौजूद रहेंगे. इस बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भी जाने की संभावना है. हालांकि मुख्यमंत्री गहलोत दोनों पैर के अंगूठे में फैक्चर है. इस बैठक में पंजाब के प्रभारी रहे हरीश चौधरी, पूर्व नेता प्रतिपक्ष रहे रामेश्वर डूडी, गुजरात के प्रभारी रहे रघु शर्मा और रघुवीर मीणा समेत कई प्रमुख नेताओं के शामिल होंगे. इस बैठक में पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह के साथ तीनों सह प्रभारियों को भी बुलाया गया है.
राजस्थान के लिहाज से इस बैठक को बेहद अहम माना जा रहा है. इस बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर एक रणनीति का खाका तैयार किया जाएगा, तो वहीं संगठनात्मक और जमीनी स्तर पर कैसे खाके को अमलीजामा पहनाया जाए, इस पर भी चर्चा की जाएगी.
जन संघर्ष यात्रा पर भी बिफरे सुखजिन्दर सिंह रंधावा
एक दिन के अनशन के ठीक एक महीने बाद 11 मई से सचिन पायलट ने अजमेर से जयपुर तक जन संघर्ष पद यात्रा निकाली। पायलट के मुताबिक यह यात्रा बीजेपी राज में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ थी लेकिन सब जानते हैं कि यह यात्रा अशोक गहलोत के खिलाफ दी। पायलट अपनी सभा में कई मर्तबा कह चुके हैं कि उन्होंने अपनी सरकार में तीन साल तक इंतजार किया। बाद में सरकार को पत्र लिखे। जब सालभर तक पत्रों का कोई जवाब नहीं दिया गया तो उन्हें जनता के बीच उतरना पड़ा। पायलट की यात्रा का विरोध करते हुए रंधावा ने कहा कि इस यात्रा से कांग्रेस का कोई लेना देना नहीं है जबकि यात्रा के समापन के दौरान जयपुर में हुई आमसभा में तीन मंत्री और एक दर्जन से ज्यादा कांग्रेसी विधायकों ने अपनी ही पार्टी की सरकार और सरकार के मुखिया को जमकर कोसा।
पायलट के कारण पार्टी को नुकसान होना तय
सचिन पायलट की ओर से लगातार अपनी ही पार्टी की सरकार पर सवाल उठाने से कांग्रेस को नुकसान होना तय माना जा रहा है। हालांकि पायलट के पास नए विधायकों की संख्या ज्यादा है लेकिन कई सीनियर कांग्रेसी नेता भी पायलट के समर्थन में डटकर खड़े हैं। इनमें पूर्व पीसीसी चीफ चौधरी नारायण सिंह, कैबिनेट मंत्री हेमाराम चौधरी, राजेन्द्र सिंह गुढ़ा, बृजेन्द्र ओला, दीपेन्द्र सिंह शेखावत, पूर्व मंत्री राजेन्द्र चौधरी सहित कई वरिष्ठ नेता शामिल हैं। खासतौर पर गुर्जर समाज के युवा सचिन पायलट के पायलट के पूरे समर्थन में हैं। ऐसे में आगामी चुनावों में कांग्रेस का समीकरण बिगड़ सकता है।