Pakistan Afghanistan News: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच डूरंड लाइन पर चल रहा सीमा विवाद अब और भी गंभीर हो गया है। दोनों देशों के बीच सीमा पर बढ़ते हमलों के कारण स्थिति ने न केवल सैन्य संघर्ष की रूप लिया है, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक चिंताओं का कारण भी बन चुका है। अफगान मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार, रूस ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। रूस (Russia) के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने 29 दिसंबर को एक बयान जारी करते हुए कहा, “मॉस्को पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव को लेकर चिंतित है और वह दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील करता है।”
तालिबानी हमले और पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

बताते चले कि, तालिबानी लड़ाके अब डूरंड लाइन पार कर पाकिस्तान की चौकियों पर लगातार हमले कर रहे हैं। इस बीच तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने एक पाकिस्तानी चौकी पर कब्जा करने का दावा किया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में TTP के लड़ाके पाकिस्तानी चौकी पर कब्जा करते हुए पाकिस्तान का झंडा हटाकर अपना झंडा लहराते हुए नजर आ रहे हैं। हालांकि, पाकिस्तानी सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने दावा किया कि यह चौकी हमले से पहले ही खाली कर दी गई थी।
पाकिस्तान की सेना ने बाजौर, उत्तरी वजीरिस्तान और दक्षिणी वजीरिस्तान में अपनी सैनिकों को रणनीतिक रूप से दूसरी जगहों पर स्थानांतरित कर दिया था, लेकिन इस दावे के बावजूद TTP द्वारा चौकी पर कब्जे और वायरल वीडियो ने पाकिस्तानी सेना की रणनीति पर सवाल उठाए हैं।
पाकिस्तान के जवानों की मौत और एयरस्ट्राइक

TTP और पाकिस्तानी सेना (Pakistani army) के बीच तनाव और बढ़ गया, जब TTP ने वजीरिस्तान के मकीन इलाके में पाकिस्तानी सेना के 30 जवानों को मार गिराया। इसके जवाब में पाकिस्तान ने एयरस्ट्राइक का सहारा लिया और तालिबान को कड़ा संदेश देने की कोशिश की। हालांकि, तालिबान की भौगोलिक और सैन्य ताकत पाकिस्तानी सेना के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुकी है। तालिबान के पास करीब 1.5 लाख सक्रिय लड़ाके हैं और उनके पास आधुनिक हथियारों का विशाल भंडार है।
तालिबानी लड़ाके दुर्गम पहाड़ी इलाकों और गुफाओं से हमले करते हैं, जो पाकिस्तानी सेना के लिए अज्ञात होते हैं। उनके पास एके-47, मोर्टार, रॉकेट लॉन्चर जैसे आधुनिक हथियार हैं, जो पाकिस्तानी सेना के लिए मुश्किल खड़ी करते हैं।
पाकिस्तान की कमजोर स्थिति

पाकिस्तान (Pakistan) की शहबाज शरीफ सरकार पहले से ही गंभीर आर्थिक संकट, सीपैक प्रोजेक्ट में देरी और बलूचिस्तान में अलगाववाद जैसे मुद्दों से जूझ रही है। इन समस्याओं के कारण पाकिस्तानी सेना और सरकार दोनों ही कमजोर हो चुकी हैं, और तालिबान के साथ बढ़ता संघर्ष इस संकट को और गंभीर बना रहा है। सीमा विवाद और सैन्य संघर्ष की स्थिति में रूस की अपील ने एक बार फिर दोनों देशों से संयम बरतने की आवश्यकता को रेखांकित किया है, लेकिन वर्तमान हालात को देखते हुए पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव का समाधान नजर नहीं आता।
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