Darbhanga News: बिहार के दरभंगा जिले के तारडीह प्रखंड के ककोढ़ा गांव में रविवार को मुहर्रम के जुलूस के दौरान एक गंभीर हादसा हो गया। जुलूस में शामिल एक झंडे का बांस अचानक ऊपर से गुजर रही हाई वोल्टेज बिजली की तार से टकरा गया, जिससे तेज धमाके के साथ तार टूटकर नीचे गिर गई और दर्जनों लोग करंट की चपेट में आ गए। इस दर्दनाक हादसे से मौके पर अफरातफरी मच गई।
हादसे में एक की मौत, 50 से अधिक घायल
प्राथमिक जानकारी के अनुसार, इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई है और 50 से ज्यादा लोग झुलस गए हैं, जिनमें कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों को फौरन स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों और निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जबकि गंभीर रूप से झुलसे लोगों को दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (DMCH) रेफर किया गया है। राहत कार्यों के लिए मौके पर लगभग एक दर्जन एंबुलेंस पहुंचीं।
हादसे के दौरान भारी भीड़, वीडियो हुआ वायरल
आपको बता दे कि, घटना के प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हादसे के वक्त मुहर्रम का जुलूस पूरे जोश के साथ चल रहा था। बैंड-बाजे, लाठी-डंडों और भीड़ के साथ जुलूस गांव के बीचों-बीच आगे बढ़ रहा था, तभी चौकी मिलान के दौरान झंडा ऊपर की बिजली लाइन से टकरा गया। हादसे का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें हादसे के ठीक पहले का माहौल दिख रहा है—लोग झूमते, लाठी चलाते और जश्न मनाते नजर आते हैं। लेकिन करंट लगते ही चीख-पुकार मच गई और भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।
बिजली नहीं काटना बना हादसे की वजह: ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि यह हादसा प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है। गांववालों ने बताया कि हर साल मुहर्रम के दिन जुलूस के समय बिजली सप्लाई को अस्थायी रूप से बंद कर दिया जाता था, ताकि किसी तरह की दुर्घटना से बचा जा सके। लेकिन इस साल ऐसा कोई इंतजाम नहीं किया गया, जिससे यह दुखद घटना घट गई। लोगों ने प्रशासन से जवाब मांगा है कि इस बुनियादी सुरक्षा उपाय को क्यों नजरअंदाज किया गया।
प्रशासन पर उठे सवाल, जांच की मांग
घटना के बाद गांव में आक्रोश का माहौल है। ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन और बिजली विभाग पर सीधी लापरवाही का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह दुर्घटना रोकी जा सकती थी, अगर पहले की तरह इस बार भी बिजली काटी जाती। ग्रामीणों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
दरभंगा के ककोढ़ा गांव में मुहर्रम के जुलूस के दौरान हुआ यह हादसा एक बड़ी प्रशासनिक चूक की ओर इशारा करता है। यह घटना न सिर्फ एक जान लेने वाली बन गई, बल्कि दर्जनों लोगों को जिंदगी भर का जख्म दे गई। अब देखना होगा कि प्रशासन इस पर क्या कदम उठाता है और दोषियों को कब तक न्याय के कटघरे में लाया जाता है।