Kerala में फैल रहा है खतरनाक ‘दिमाग खाने वाला’ अमीबा, बढ़ते मामलों से मचा हड़कंप, जानें इसके लक्षण

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
Naegleria fowleri

Kerala News: केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम (Thiruvananthapuram) में दिमाग खाने वाले अमीबा (brain-eating amoeba) के दो नए मामलों की पुष्टि हुई है, जिससे पूरे राज्य में डर का माहौल पैदा हो गया है। इस खतरनाक बीमारी को मेडिकल भाषा में अमीबिक एन्सेफलाइटिस कहा जाता है, जिसे आमतौर पर ‘दिमाग खाने वाला अमीबा’ भी कहा जाता है। तिरुवनंतपुरम में दो युवतियों में इस खतरनाक संक्रमण की पुष्टि हुई है, जिसके बाद से इलाके में हड़कंप मच गया है। दोनों मरीजों का इलाज तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। ये मामले सामने आने के बाद अब तक कुल तीन मामले दर्ज किए गए हैं। लोगों में डर इसलिए भी बढ़ा है क्योंकि यह संक्रमण बेहद दुर्लभ और घातक है, जो सीधे दिमाग को प्रभावित करता है।

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अमीबा के तेजी से फैलने से बढ़ी चिंता

केरल में पिछले कुछ महीनों से यह दुर्लभ संक्रमण तेजी से फैल रहा है। पिछले दो महीनों में 14 लोगों में दिमाग खाने वाले अमीबा का संक्रमण पाया गया है, जिनमें से 10 का सफल इलाज हुआ है और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। लेकिन चिंता तब और बढ़ गई जब कासरगोड जिले के 38 वर्षीय माडिकंदन की इस बीमारी से मृत्यु हो गई। माडिकंदन को सबसे पहले बुखार हुआ और उन्होंने कासरगोड के सरकारी अस्पताल में इलाज कराया। लेकिन उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें एक प्राइवेट अस्पताल में स्थानांतरित किया गया, जहां डॉक्टरों ने अमीबिक एन्सेफलाइटिस की पुष्टि की।

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क्या है ‘दिमाग खाने वाला’ अमीबा?

अमीबिक एन्सेफलाइटिस, जिसे ‘दिमाग खाने वाला’ अमीबा भी कहा जाता है, एक बेहद घातक संक्रमण है। इसका वैज्ञानिक नाम ‘नएगलेरिया फॉलेरी’ (Naegleria fowleri) है। यह अमीबा आमतौर पर ताजे पानी की झीलों, गर्म पानी के झरनों, मिट्टी और दूषित पानी में पाया जाता है। जब लोग तैराकी या पानी से संबंधित गतिविधियों में हिस्सा लेते हैं, तो यह अमीबा नाक के जरिये शरीर में प्रवेश कर सकता है और सीधे दिमाग पर हमला करता है।

इस संक्रमण का सबसे खतरनाक रूप प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (PAM) है, जो हमारे नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है। इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, उल्टी और मानसिक स्थिति में बदलाव शामिल हैं। यह लक्षण बहुत तेजी से विकसित होते हैं और संक्रमण के कुछ दिनों के भीतर ही गंभीर स्थिति में पहुंच सकते हैं। इसीलिए इसे ‘दिमाग खाने वाला अमीबा’ कहा जाता है।

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बढ़ते मामलों से स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

केरल में लगातार बढ़ रहे मामलों के चलते स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। अधिकारियों ने लोगों से ताजे पानी में तैराकी या अन्य जल गतिविधियों से बचने की सलाह दी है, खासकर उन इलाकों में जहां यह संक्रमण तेजी से फैल रहा है। राज्य सरकार भी स्थिति पर निगरानी रख रही है और लोगों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चला रही है।

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सतर्कता और सावधानी ही इसका

अमीबिक एन्सेफलाइटिस से बचने के लिए सबसे अहम बात है सतर्कता और सावधानी। दूषित पानी में तैरने से बचें और अगर तैराकी करना अनिवार्य हो तो नाक को अच्छी तरह से ढककर रखें। इसके अलावा, अगर बुखार या सिरदर्द जैसे लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। केरल में इस घातक बीमारी के बढ़ते मामलों ने पूरे राज्य को सतर्क कर दिया है। संक्रमण की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की है कि वे सुरक्षा के सभी उपाय अपनाएं और किसी भी तरह की लापरवाही से बचें।

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