DA Hike: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने महंगाई भत्ते (डीए) में 2 प्रतिशत की वृद्धि को मंजूरी दी। इस वृद्धि का उद्देश्य महंगाई के असर को कम करना और केंद्रीय कर्मचारियों तथा पेंशनभोगियों को राहत प्रदान करना है। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस फैसले की जानकारी दी और बताया कि यह वृद्धि एक जनवरी 2025 से लागू होगी। इस कदम को लेकर कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के बीच खुशी का माहौल है।
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कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए राहत

केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा की गई इस वृद्धि से लगभग 48.66 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 66.55 लाख पेंशनभोगियों को सीधा लाभ होगा। यह निर्णय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक राहत के रूप में सामने आया है, क्योंकि महंगाई के लगातार बढ़ते प्रभाव को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है। केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की एक अतिरिक्त किस्त मिलेगी, जो उनकी जीवनशैली को बेहतर बनाने में सहायक होगी।
महंगाई भत्ते में वृद्धि से सरकार पर पड़ेगा बड़ा आर्थिक असर

महंगाई भत्ते और महंगाई राहत में इस वृद्धि का संयुक्त असर सरकार के खजाने पर प्रतिवर्ष 6,614.04 करोड़ रुपये का पड़ेगा। यह आंकड़ा इस वृद्धि के वित्तीय प्रभाव को दर्शाता है। हालांकि, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस खर्च को केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को राहत प्रदान करने के दृष्टिकोण से जरूरी माना है। सरकार के लिए यह वृद्धि एक बड़ा वित्तीय निर्णय है, लेकिन कर्मचारियों के भले के लिए यह कदम महत्वपूर्ण है।
7वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों पर आधारित वृद्धि

यह वृद्धि 7वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर की गई है। इस वेतन आयोग ने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के भत्ते और अन्य सुविधाओं से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय लिए थे, जिनके अनुसार महंगाई भत्ते और राहत में समय-समय पर वृद्धि की जाती है। सरकार ने आयोग की सिफारिशों का पालन करते हुए यह बढ़ोतरी लागू की है, जिससे कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को अधिक वित्तीय मदद मिल सके।
सरकार की महंगाई भत्ते में वृद्धि
इस फैसले से स्पष्ट होता है कि सरकार कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और महंगाई के प्रभाव को कम करने के लिए नियमित रूप से ऐसी योजनाओं को लागू करती रहती है। इस वृद्धि से कर्मचारियों के जीवनस्तर में सुधार होगा और उन्हें महंगाई के प्रभाव से कुछ राहत मिलेगी। सरकार का यह कदम कर्मचारियों के लिए एक सकारात्मक संदेश लेकर आया है, जिससे उनकी मेहनत और योगदान को मान्यता मिल रही है।