खिरहरि मंदिर में सप्तमी में जुटी श्रद्धालुओं की भीड़, बही दूध की नदियां

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

सहरसा संवाददाता- शिव कुमार

Bihar: सहरसा जिले के महिषी प्रखंड स्थित महान संत बाबा कारू खिरहर स्थान में शनिवार को श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखी गई। वहीं श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाए गए दूध से कोसी नदी की धारा भी श्वेत हो गई। ऐसा लग रहा था कि मानो यहां से दूध की नदी बह रही हो। इस अवसर पर पुलिस प्रशासन के द्वारा एवं एसडीआरएफ की टीम के द्वारा सतर्कता बरती गई।

ज्ञात हो कि कोसी प्रमंडलीय मुख्यालय सहरसा जिले के कण कण में संत मुनि, महात्मा, शिव एवं शक्ति के अवशेष आज भी मौजूद है।यह उनका पुण्य प्रभाव ही है जो कोसी नदी के किनारे स्थित बाबा कारू खिरहरि का मंदिर जहां नवरात्र में अधिक मात्रा में दूध से अभिषेक होता है। जिसके कारण संपूर्ण कोसी नदी में दूध की धारा दूध की धारा बहने लगती है।

Read more: भूकंप से एक बार फिर कांपा नेपाल…

सचिव बैद्यनाथ खिरहर ने बताया

उपाध्यक्ष उपेंद्र खिरहर,सचिव बैद्यनाथ खिरहर ने बताया कि बाबा कारू के वीरता और चमत्कार की हजारों कहानियां हैं। जिसका वर्णन चंद समय में नहीं कर सकते।आज भी इस मंदिर में इतना दूध अभिषेक होता है कि दूध की नदियां बह जाती है। खासकर नवरात्रि के सप्तमी के दिन तो पूरा कोसी नदी में दूध की धारा बहती है।दूर दूर से पशुपालक यहां पूजा करने आते है।

बीमार मनुष्य और पशु दोनों ही ठीक हो जाता

बता दे कि ऐसी मान्यता है बाबा का भभूत लगाने से बीमार मनुष्य और पशु दोनों ही ठीक हो जाता है। यहां चढ़ावे में श्रद्धालु दूध भांग,लट्ठ ,गांजा,तलवार,खड़ाऊ इत्यादि चढ़ाते हैं। यहां का मुख्य प्रसाद खीर है जो श्रद्धालु द्वारा चढ़ाएं गए दूध से ही बनता है। बाबा कारू के चमत्कार की कहानी के कारण बाबा कारू खिरहर धाम पर नेपाल सहित पूरे मिथिलांचल के यदुवंशी इस दिन आते है। उन्होंने कहा कि उनके नाम पर बाबा कारू खिरहर संग्रहालय, बाबा कारू खिरहर नगर, बाबा कारू खिरहर रेलवे हॉल्ट आदि है।

Share This Article
Exit mobile version