Ayodhya: 500 सालों के लंबे इंतजार के बाद भगवान श्री राम तिरपाल से मंदिर में विराजमान किए जाएंगे। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तेजी से तैयारियां की जा रही हैं। जिस दिन भगवान श्री राम मंदिर में विराजमान किए जाएंगे, उस वक्त करोड़ों हिंदुओं का वो सपना पूरा होगा, जिसके लिए सभी ने एक लंबा संघर्ष किया और ऐतिहासिक लड़ाई भी लड़ी। अभी से पूरा देश राममय माहौल में है, हर तरफ राम भक्तों की गूंज सुनाई दे रही है। लेकिन भव्य मंदिर में जो मूर्ति विराजमान की जाएगी, उस मूर्ती को किसने बनाया है, वो कहां का रहने वाला है, क्या इस बात की आपको जानकारी है?
read more: अयोध्या बनाम अश्वमेघ्य यज्ञ का गोल्ड प्लेटेड अश्व बनकर तैयार..
मूर्ति का हुआ फाइनल चयन
बता दें कि 22 जनवरी को जो मूर्ति विराजमान की जाएगी, उसका फाइनल चयन हो गया है। कुल 3 मूर्तीयां थी, जिसमें से एक मूर्ति को फाइनल किया गया है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने एक मीडिया से बातचीत के दौरान यह कहा था कि प्राण प्रतिष्ठा प्रतिमा के लिए तीन मूर्तिकार अलग-अलग तरह के पत्थरों पर 3 मूर्तियों की रचना कर रहे हैं। इन मूर्तियों में भगवान राम का बाल रूप बनाया जा रहा है। इनमें से कौन सी मूर्ति लगाई जाएगी और कौन सा मूर्तिकार भगवान के बाल रूप को उकेर पाया, यह जनवरी के पहले हफ्ते तक सामने आ जाएगा और अब चयन हो चुका है कि कौन की मूर्ति विराजमान की जाएगी।
किसने बनाई भगवान राम की मूर्ति ?
जब से मूर्ती चयन का खुलासा हुआ है, तभी से सभी के मन में ये बात आ रही है, कि आखिर यह मूर्ति किसने बनाई है। सभी के मन में ये सवाल उठ रहा है जो लोगों को गूगल पर सर्च के लिए मजबूर कर रहा है कि भगवान राम की इतनी सुंदर मूर्ति किसने बनाई है? तो चलिए आज आपको बताते है कि ये सुंदर मूर्ति किसने बनाई है। देश के जाने माने मूर्तीकार अरुण योगीराज ने भगवान राम की यह भव्य मूर्ति बनाई है, जिसका चयन भव्य मंदिर में विराजमन करने के लिए किया गया है। मूर्तीकार अरुण योगीराज एक परिवार से आते है जिनकी 5 पीढ़ियां प्रसिद्ध मूर्तियां बनाती आ रही है।
अरुण योगीराज ने कई प्रसिद्ध मूर्तियां बनाई
बता दे कि अरुण योगीराज के दादा जी बसवन्ना शिलपी को तत्कालीन मैसूर रियासत के राजा का संरक्षण प्राप्त था। दिल्ली के इंडिया गेट के पास अमर जवान ज्योति के पास योगीराज के द्वारा बनाई गई सुभाष चंद्र बोस की 30 फीट की मूर्ती स्थापित की गई थी। वहीं उन्होंने कई अन्य प्रसिद्ध मूर्तियों को भी बनाया है, जिसमें से 12 फीट की आदि शंकराचार्य की मूर्ती शामिल है।
read more: देशभर में “हिट एंड रन” कानून को लेकर हड़ताल जारी,इन जगहों पर दिखा इसका असर..
जानें मूर्ति की खासियत?
अरुण योगीराज के द्वारा बनाई गई मूर्ति 51 इंच ऊंची भगवान राम की खड़ी प्रतिमा है। इस मूर्ति में 5 साल का बाल रूप दिखाई देता है। वह धनुष-बाण के साथ सुसज्जित हैं। मूर्ति को बनाने में कर्नाटक की कृष्ण शिला का इस्तेमाल किया गया है। बता दे कि शिलाएं उडुपी से लाई गई थीं। टॉप-3 मूर्तिकारों की बनाई मूर्ति में से अरुण योगीराज मूर्ति का चयन हुआ।
अरुण योगीराज की मां ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि हमारे लिए सबसे खुशी का पल है, मैं उन्हें मूर्ती बनाने हुए देखना चाहती थी, लेकिन उन्होंने कहा कि वह मुझे आखिरी दिन ले जाएंगे, इसलिए मैं स्थापना के दिन जाउंगी।
काफी कम उम्र में मूर्तिकला की दुनिया में कदम रखा
वर्तमान समय में अरुण योगीराज देश में सबसे ज्यादा डिमांडिग मूर्तिकारों में से एक है। काफी कम उम्र से ही उन्होंने मूर्तिकला की दुनिया में कदम रखा था। लेकिन अब तक उन्होंने काफी काफी बड़ी-बड़ी हस्तियों की मूर्तियां बनाई हैं। उन्होंने अपने अपने पिता, दादा, बसवन्ना से प्रभावित होकर इस क्षेत्र में कदम रखा था। योगीराज अरुण के पूर्वज मैसरू में राजा के समय से इस काम को कर रहे हैं। योगीराज अरुण मूर्तियों में जान डाल देते हैं। सबसे ताज्जुब की बात यह है कि वह थोड़े समय के लिए एमबीए करने के बाद कॉरपोरेट क्षेत्र में नौकरी भी कर चुके हैं। इसके बाद मूर्तिकला में झंडे गाड़ रहे हैं। योगीराज अरुण ने एक इंटरव्यू में बताया था कि मूर्तियों में लगा ही नहीं उन्हें 2008 में कला के क्षेत्र में वापस खींच लाया था।
read more: DM-SP ने किया फ्लैग मार्च: रैन बसेरा का किया निरीक्षण..