ज्ञानवापी केस में कोर्ट का बड़ा फैसला,दोनों पक्षों को ASI  रिपोर्ट सौंपने का दिया आदेश

Mona Jha
By Mona Jha

वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी एएसआई की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने को लेकर वाराणसी कोर्ट का बड़ा फैसला आया है.कोर्ट ने कहा कि,दोनों पक्षों को एएसआई सर्वे की रिपोर्ट सौंपी जाएगी.एएसआई ने 18 दिसंबर 2023 को सील बंद लिफाफे में सर्वे की रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की थी.जिसके बाद हिंदू पक्ष ने रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की थी लेकिन मुस्लिम पक्ष ने रिपोर्ट सार्वजनिक न करने को लेकर कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था।

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दोनों पक्षों को प्रदान की जाएगी रिपोर्ट का हार्ड कॉपी

इस पूरे मामले पर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा,आज अदालत ने दोनों पक्षों को सुना और आम सहमति बनी की एएसआई की रिपोर्ट की हार्ड कॉपी दोनों पक्षों को प्रदान की जाएगी…एएसआई ईमेल के माध्यम से रिपोर्ट प्रदान करने पर आपत्ति जता रही थी इसलिए दोनों पक्ष रिपोर्ट की हार्ड कॉपी प्राप्त करने पर सहमत हुए हैं।

वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम ने वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वजूखाना के सर्वेक्षण से इनकार संबंधी वाराणसी की कोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई से बुधवार को खुद को अलग कर लिया.कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि,ये मामला सुनवाई के लिए अन्य न्यायाधीश को नामित करने के लिए मुख्य न्यायाधीश की अदालत में भेजा जाएगा.कोर्ट ने आगे की कार्रवाई के लिए 31 जनवरी की तारीख तय की है.ये पुनरीक्षण याचिका राखी सिंह की ओर से दायर की गई है जो श्रृंगार गौरी पूजा वाद की वादकारियों में से एक हैं।

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21 अक्टूबर के आदेश में कोर्ट ने खारिज की थी दलील

वाराणसी की अदालत ने 21 अक्टूबर 2023 को दिए आदेश में राखी सिंह की ये दलील खारिज कर दी थी कि,कथित शिवलिंग को छोड़कर वजूखाना का सर्वेक्षण प्रश्नगत संपत्ति का धार्मिक चरित्र निर्धारित करने के लिए आवश्यक है.हालांकि राखी सिंह का आवेदन खारिज करते हुए जिला न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा था कि,उच्चतम न्यायालय ने 17 मई 2022 को अपने आदेश में उस आदेश को संरक्षित करने का आदेश दिया था जहां कथित तौर पर शिवलिंग पाया गया।जिला न्यायाधीश के आदेश के अनुसार एएसआई को उस क्षेत्र का सर्वेक्षण करने का निर्देश देना उचित नहीं है क्योंकि इससे उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन होगा।

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हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव का कहना है कि,जिला जज एके विश्वेश के आदेश के मुताबिक ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट सभी पक्षकारों को सौंपी जाए.मुस्लिम पक्ष ने इस दौरान जिला जज के सामने अपनी मांग रखी कि,सर्वे की रिपोर्ट पक्षकारों तक ही रहे उसको सार्वजनिक न किया जाए।इसके विपरीत आज कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनते हुए आम सहमति पर एएसआई की रिपोर्ट की हार्ड कॉपी दोनों पक्षों को सौंपने की बात कही है।

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