महिला पहलवान उत्पीड़न मामले में कोर्ट ने बृजभूषण को किया तलब…

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

महिला पहलवानों के उत्पीड़न मामले में दिल्ली की कोर्ट ने रेसलिंग फेडरेशन के पूर्व चैयरमैन और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह और विनोद तोमर को तलब किया हैं।

दिल्ली : महिला पहलवान उत्पीड़न मामले में वर्तमान सांसद हुए रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को कोर्ट ने 18 जुलाई को पेश होने का आदेश जारी किया हैं। आपको बता दें कि, बृजभूषण शरण सिंह पर छः महिला पहलवानों के उत्पीड़न का आरोप लगा है। इस मामले को लेकर राउज एवेन्यू कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए बृजभूषण शरण सिंह को तलब किया गया है।

इस मामले में कोर्ट ने बृजभूषण शरण सिंह के साथ भारतीय कुश्ती महासंघ के निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर को पेश होने का आदेश जारी किया गया है। इस मामले में पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का इस्तेमाल), 354 ए (यौन उत्पीड़न), 354 डी (पीछा करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत 15 जून को आरोपपत्र दायर किया था। तोमर पर आईपीसी की धाराओं 109 (किसी अपराध के लिए उकसाना), 354, 354ए और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत अपराध का आरोप लगाया गया था।

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इस तारीख को दायर हुई थी चार्जशीट

आपको बता दें कि, बीते लम्बे समय से महिला पहलवान उत्पीड़न मामला सुर्खियां बटोर रहा है। इस साल जनवरी महीने की 7 तारीख से महिला पहलवानों ने आरोपी बृजभूषण के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किया था। जंतर – मंतर पर प्रदर्शन के जरिये महिला पहलवान आरोपी के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग कर रही है। इसको लेकर दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 15 जून को यौन उत्पीड़न, आपराधिक धमकी और पीछा करने के आरोप में चार्टशीट दायर की गयी थी।

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महिला पहलवानों के समर्थन में उतरे ये खिलाड़ी

अप्रैल माह में बृजभूषण शरण सिंह पर यौनउत्पीड़न का आरोप लगाते हुए देश के शीर्ष पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और संगीता फोगाट जंतर मंतर पर दूसरी बार प्रदर्शन पर उतरे थे। इसके साथ ही नई संसद के उद्घाटन के अवसर पर पहलवानो ने संसद तक मार्च करने का फैसला लिया था। इस दौरान खिलाड़ियों को दिल्ली पुलिस ने बल का प्रयोग करते हुए पहलवानों को बीच में ही रोक दिया। इसके बाद पहलवानों ने मेडल को गंगा में बहा देने का भी फैसला लिया था, लेकिन किसान नेता टिकैत ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया था।

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