Coronavirus Case: दुनिया के अन्य हिस्सों की तरह अब भारत में भी कोरोना वायरस फिर से पैर पसारता नजर आ रहा है। हांगकांग और सिंगापुर के बाद भारत में कोविड-19 के मामलों में धीरे-धीरे इजाफा हो रहा है। 19 मई तक के आंकड़ों के अनुसार देश में कुल 257 सक्रिय मामले सामने आए हैं। हालांकि, अधिकतर मामलों में मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता नहीं पड़ी है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय रहते जरूरी कदम नहीं उठाए गए, तो स्थिति गंभीर हो सकती है।
अखिलेश यादव ने सरकार को किया सतर्क
बताते चले कि, कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार को समय रहते चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि कोरोना जैसी बीमारियां अपना रूप बदलकर लौटती हैं, इसलिए सरकार को अपने स्वास्थ्य और सूचना तंत्र को सक्रिय करना चाहिए। उन्होंने आमजन में भय फैलने से रोकने के लिए प्रभावी जागरूकता अभियान चलाने की भी मांग की।
सोशल मीडिया पर अखिलेश ने साझा की चिंता
सपा अध्यक्ष ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा कि सरकार को इस बार समय रहते कोरोना पर नियंत्रण के लिए कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने लिखा, “खतरे की घंटी बजने से पहले सरकार को चेतना होगा। पिछली बार की लापरवाही और अव्यवस्था को फिर से नहीं दोहराना चाहिए। बीजेपी की चूकें हमेशा जनता के लिए जानलेवा साबित होती हैं।”
टीकों पर उठाए सवाल, सजगता की दी सलाह
अपने पोस्ट में अखिलेश यादव ने टीकाकरण को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा कि जिस कोरोना वैक्सीन के सर्टिफिकेट को बड़े गर्व से बांटा गया था, वह अब नाकाम साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि इस बार पहले से कहीं अधिक सजग और सतर्क रहने की जरूरत है, ताकि संभावित खतरे को समय रहते टाला जा सके।
लोगों को जागरूक करने की जरूरत पर दिया जोर
अखिलेश यादव ने अंत में कहा कि अभी भले ही कोरोना के हालात बेहद गंभीर न हों, लेकिन इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने सरकार से अपील की कि वह स्वास्थ्य सेवाओं और सूचना तंत्र को पूरी तरह से तैयार रखे और जनता को डराने के बजाय जागरूक करने का काम करे।
कोरोना के नए मामलों की संख्या भले ही फिलहाल कम हो, लेकिन विशेषज्ञ और राजनेता दोनों ही आने वाले समय को लेकर चिंतित हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की ओर से दी गई चेतावनी यह साफ संकेत देती है कि यदि सरकार समय रहते गंभीरता नहीं दिखाती, तो देश एक बार फिर कोविड संकट की गिरफ्त में आ सकता है। इसलिए सजग रहना अब केवल विकल्प नहीं, अनिवार्यता है।