Maharashtra में विधानसभा चुनाव को लेकर MVA में विवावश शुरु, शिवसेना ने बांद्रा पूर्व से उम्मीदवार किया घोषित

Aanchal Singh
By Aanchal Singh
Uddhav Thackeray

Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र (Maharashtra) में विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही राज्य की राजनीति में गर्मी आ गई है. विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी (MVA) के दो प्रमुख घटक दलों, कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT), के बीच सीट बंटवारे को लेकर विवाद शुरु हो गया है. हालांकि, एमवीए में अभी तक सीट बंटवारे का कोई फॉर्मूला तय नहीं हुआ है, लेकिन दोनों दलों के बीच बांद्रा (पूर्व) सीट को लेकर तीखी टकराहट हो गई है.

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UBT ने बांद्रा (पूर्व) सीट के लिए उम्मीदवार का किया ऐलान

बताते चले कि उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की शिवसेना (UBT) ने बांद्रा (पूर्व) सीट पर अपने उम्मीदवार का नाम घोषित कर दिया है. शिवसेना ने घोषणा की है कि वरुण सरदेसाई इस सीट से चुनाव लड़ेंगे. बता दें कि वरुण सरदेसाई आदित्य ठाकरे के मौसेरे भाई हैं और पिछले 14 साल से युवा सेना में सक्रिय हैं. उन्हें आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) का करीबी माना जाता है. शिवसेना के इस ऐलान के बाद कांग्रेस के कई नेता नाराज हो गए हैं, क्योंकि 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट पर जीत हासिल की थी.

कांग्रेस का विरोध और चुनावी समीकरण

आपको बता दे कि 2019 में कांग्रेस के जीशान सिद्दीकी (Zeeshan Siddiqui) ने बांद्रा (पूर्व) सीट से जीत दर्ज की थी और वे यहां के मौजूदा विधायक हैं. शिवसेना (UBT) के एकतरफा ऐलान से कांग्रेस के नेताओं में नाराजगी फैल गई है. कांग्रेस के कई नेता इस सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा रखते हैं और उन्हें यह उचित नहीं लगता कि शिवसेना ने बिना उनकी सहमति के उम्मीदवार घोषित कर दिया.

शिवसेना का तर्क है कि उसने अपने कोटे की चांदीवली सीट कांग्रेस के लिए छोड़ दी है, इसलिए अब कांग्रेस को बांद्रा (पूर्व) सीट पर उम्मीदवार घोषित करने का अवसर नहीं मिलना चाहिए. शिवसेना का यह भी कहना है कि बांद्रा (पूर्व) मुस्लिम बहुल इलाका है, और इस सीट से वरुण सरदेसाई का चुनाव लड़ना एक रणनीतिक कदम है.

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महाविकास अघाड़ी के अंदर तनाव

बांद्रा (पूर्व) सीट का सामाजिक और राजनीतिक समीकरण भी खास है, क्योंकि यह मुस्लिम बहुल इलाका है. ऐसे में शिवसेना द्वारा यहां अपने उम्मीदवार का ऐलान करने से कांग्रेस के नेताओं में असंतोष बढ़ गया है. कांग्रेस के लिए इस सीट का महत्व 2019 के चुनाव में उसकी जीत से साबित होता है, और अब वह इस सीट पर अपना उम्मीदवार उतारने का अधिकार जताती है.

इस विवाद के बाद महाविकास अघाड़ी के अंदर तनाव बढ़ गया है, और सीट बंटवारे को लेकर दोनों दलों के बीच मतभेद सामने आ रहे हैं. कांग्रेस के कई नेता शिवसेना के इस कदम को असहमति और एकतरफा निर्णय मानते हुए विरोध कर रहे हैं. आगामी विधानसभा चुनाव के लिए महाविकास अघाड़ी के अंदर इस विवाद का असर गठबंधन की एकता पर पड़ सकता है.

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