Himachal Pradesh Rajya Sabha Election :राज्यसभा चुनाव में हार के बाद हिमाचल की कांग्रेस सरकार संकट में है, हिमाचल प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री और पूर्व स्वर्गीय मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने इस्तीफा दे दिया है, वह सरकार में मंत्री नहीं रहेंगे। उन्होनें इस बात की जानकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस में दि, उन्होंने इस दौरान कहा कि इस तरीके के घटनाक्रम होना बहुत गलत है, जो भी हुआ है वो बहुत चिंताजनक है, जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है, जनता ने कांग्रेस को चुना है। “
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“मुझे अपमानितकिया गया है”
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बता दें कि विक्रमादित्य सिंह ने आगे कहा कि-” सबके योगदान से हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनी है, जो कार्यप्रणाली सरकार की रही है मैंने कभी कुछ नहीं कहा, मेरे लिए पद महत्वपूर्ण नहीं है, मेरे लिए लोगो का विश्वास जरूरी है, विधायकों की आवाज दबाने की कोशिश की गई है,जिसका नतीजा आज हमारे सामने है, ये विषय लगातार पार्टी हाई कमान के सामने भी उठाया गया है, जिस तरीके से निर्णय लेने चाहिए थे, नहीं लिया गए, केवल ये कहना कि वादे किए हैं वो बस काफी नहीं है, उन्हें पूरा भी किया जाना चाहिए, मैं आहत हूं. विक्रमादित्य ने कहा कि मैंने हमेशा मुख्यमंत्री का सम्मान किया है, एक साल में हमने पूरी मजबूती से सरकार का समर्थन किया है, मुझे अपमानितकिया गया है।”
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“हमें सम्मान नहीं दिया गया’
इस दौरान उन्होनें ने यह भी कहा कि- कितना है बदनसीब ‘ज़फर’ दफ्न के लिए, दो गज जमीन भी न मिली कू-ए-यार में, ये बहादुर शाह जफर की लाइन है. हमें सम्मान नहीं दिया गया, पार्टी हाई कमान को देखना चाहिए।
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हिमाचल में कांग्रेस को झटका
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दरअसल, ‘क्रॉस-वोटिंग’ के बीच भाजपा के उम्मीदवार हर्ष महाजन ने सत्तारूढ़ कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी को पराजित कर हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा की इकलौती सीट पर मंगलवार को जीत दर्ज की है, बताया जा रहा है कि हिमाचल में मुकाबला 34-34 मतों से बराबरी पर रहा था लेकिन उसके बाद भाजपा के महाजन को ‘ड्रॉ’ के जरिए विजेता घोषित कर दिया गया, यह कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है, जिसके पास 68 सदस्यीय विधानसभा में 40 विधायक हैं और उसने निर्दलीय विधायकों का समर्थन होने का भी दावा किया था, इस परिणाम से यह स्पष्ट हो गया है कि नौ विधायकों ने भाजपा के पक्ष में मतदान किया, भाजपा ने दावा किया था कि महाजन मजबूत स्थिति में हैं क्योंकि कांग्रेस के कई विधायकों ने ‘अंतरात्मा की आवाज सुनकर वोट डालने’ की उनकी अपील पर ध्यान दिया है, अभी भाजपा के राज्य विधानसभा में 25 विधायक हैं।