लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने कसी कमर , खेलेगी आरक्षण का दांव

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

Loksabha Election 2023: लोकसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों ने जोर शोर से अपनी- अपनी तैयारियां शुरु कर दी हैं। हाल ही में हैदराबाद में आयोजित कांग्रेस की वर्किंग कमिटी की बैठक हुई। जिसमें कि कई बड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। कांग्रेस ने BJP के खिलाफ दांव खेलने के लिए अपनी रणनीति शुरु कर दी हैं। कांग्रेस की वर्किंग कमिटी में जातिगत जनगणना, आदिवासी और ओबीसी आरक्षण की सीमा को बढ़ाने की मांग की गई हैं।

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प्रस्ताव में कहा गया कि

कांग्रेस की वर्किंग कमिटी की बैठक में एक प्रस्ताव में कहा गया कि सीडब्ल्यूसी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी के लिए आरक्षण की मौजूदा ऊपरी सीमा को बढ़ाने का भी आह्वान करती हैं। इस संबंध में सवाल पूछे जाने पर कांग्रेस मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार की सभा में जाति आधारित जनगणना की मांग की थी ताकि सभी जातियों को संख्या के मुताबिक हिस्सेदारी मिल सके।

कांग्रेस बीजेपी को सीधी चुनौती दे रही

बता दे कि ऐसा माना जा रहा हैं कि देश के जिन राज्यों में कांग्रेस बीजेपी को सीधी चुनौती दे रही हैं। वहां अल्पसंख्यकों का रुझान उसकी तरफ हैं। जबकि दलित और आदिवासी भी कांग्रेस के परंपरागत वोटर रहे हैं। वहीं बात करें कांग्रेस अध्यक्ष खरगे की तो वे खुद दलित समाज से आते हैं।

कांग्रेस का असली निशाना ओबीसी वोट बैंक पर

लोकसभा चुनाव के लिए सभी दल अपनी एड़ी चोटी का दम लगा रही हैं। आपको बता दे कि जातीय जनगणना और आरक्षण की सीमा बढ़ाने की मांग के जरिए कांग्रेस एक बहुत ही बड़ दांव खेल रही हैं।

ओबीसी वोट बैंक पर बीजेपी काफी मजबूत

कांग्रेस का असली निशाना ओबीसी वोट बैंक पर हैं जहां बीजेपी काफी मजबूत हैं। कांग्रेस को लगता है कि मंहगाई, बेरोजगारी जैसे बुनियादी मुद्दों के साथ यदि आरक्षण कार्ड काम कर गया, तो वो बाजी पलट सकती हैं। साथ ही कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में केंद्र सरकार से संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पारित करने की मांग भी की गई।

आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में लगातार होती बढ़ोतरी

कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में सीडब्ल्यूसी 14-सूत्रीय का प्रस्ताव भी रखा गया। बता दे कि इस प्रस्ताव में सीडब्ल्यूसी ने बढ़ती बेरोजगारी और विशेष रूप से आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में लगातार होती बढ़ोतरी पर गंभीर चिंता व्यक्त की। प्रस्ताव में मणिपुर में संवैधानिक मशीनरी के पूरी तरह से ध्वस्त हो जाने और जारी हिंसा पर गहरा दुख व्यक्त किया गया।

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