New Delhi: आज, 1 जुलाई से देश में तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं। भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC), और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह अब भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम ने ले ली। इन नए कानूनों को लागू करने को लेकर विपक्ष ने कड़ा विरोध जताया है। वहीं कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ट्वीट करके तीनों कानूनों को तुरंत रोकने की मांग भी की है। उन्होंने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है।
कांग्रेस ने जताया विरोध
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ट्वीट कर तीनों नए कानूनों को तुरंत रोकने की मांग की है। उन्होंने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया और कहा कि इन कानूनों के जरिए पुलिसिया स्टेट की नींव डाली जा रही है। मनीष तिवारी का कहना है कि नए कानून भारत को वेलफेयर स्टेट से पुलिस स्टेट बनाने की दिशा में ले जाएंगे। उन्होंने कहा कि संसद में इन कानूनों पर फिर से चर्चा होनी चाहिए, उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाना चाहिए।
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पी चिदंबरम का बयान
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कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने भी इन कानूनों का विरोध किया है। उन्होंने एक्स सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा कि 90-99 प्रतिशत तथाकथित नए कानून कट, कॉपी और पेस्ट का काम हैं। जो कार्य मौजूदा तीन कानूनों में कुछ संशोधनों के साथ पूरा किया जा सकता था, उसे एक बेकार प्रक्रिया में बदल दिया गया है। हालांकि, उन्होंने नए कानूनों में हुए कुछ सुधारों का स्वागत किया है और कहा कि इन्हें संशोधन के रूप में पेश किया जा सकता था।
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अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया
कांग्रेस सांसद बी मनिकम टैगोर ने लोकसभा में नीट मुद्दे पर चर्चा के लिए कामकाज स्थगित करने का नोटिस दिया है। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने नीट-यूजी और यूजीसी नेट समेत परीक्षाओं के संचालन में पेपर लीक के मामलों और एनटीए की विफलता पर चर्चा के लिए आज लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव प्रस्तुत किया है।
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नए कानूनों में प्रमुख बदलाव
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नए कानूनों में कई प्रमुख बदलाव किए गए हैं। धारा 124 के तहत अब देशद्रोह से जुड़े मामलों में सजा का प्रावधान किया गया है, जो पहले आईपीसी की धारा 124 में राजद्रोह के तहत था। धारा 302 और 307 में भी महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए हैं। हत्या के मामलों में अब आरोपी को धारा 101 के तहत सजा मिलेगी, जबकि हत्या के प्रयास में दोषी को धारा 109 के तहत सजा सुनाई जाएगी।
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नए आपराधिक कानूनों के संशोधन
देश में लागू हुए नए आपराधिक कानूनों में कई महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं। पहले भारतीय दंड संहिता (IPC) में कुल 511 धाराएं थीं, जिन्हें घटाकर अब 358 कर दिया गया है। नए कानून में 20 नए अपराध भी शामिल किए गए हैं और 33 अपराधों की सजा अवधि को बढ़ा दिया गया है। साथ ही, 83 अपराधों में जुर्माने की रकम बढ़ाई गई है और 23 अपराधों में अनिवार्य न्यूनतम सजा का प्रावधान किया गया है।