”श्रावण मास के पर्व/कांवड़ यात्रा को शान्तिपूर्ण एवं सकुशल ढंग से सम्पन्न करायें” – जिलाधिकारी

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By Shobhna Rastogi

प्रतापगढ़ संवाददाता : गणेश

प्रतापगढ़ : जिलाधिकारी प्रकाश चन्द्र श्रीवास्तव ने कल सायांकल कैम्प कार्यालय के सभागार में श्रावण मास के पर्व/कावंड़ यात्रा के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि श्रावण मास दिनांक 04 जुलाई से प्रारम्भ होकर दिनांक 31 अगस्त 2023 को रक्षाबन्धन के दिन समाप्त होगा। श्रावण शिवरात्रि का मुख्य पर्व दिनांक 16 जुलाई को मनाया जायेगा।

सावन माह के लिए तैयार किया गया रूट

उन्होने कहा कि, ”जनपद में श्रावण मास के पावन पर्व पर श्रद्धालुजन/कांवड़िये विभिन्न स्थलों से गंगाजल लाकर जनपद अवस्थित प्रसिद्ध मन्दिर/शिवालय में जलाभिषेक करते है। इसके अतिरिक्त कामदा एकादशी, नागपंचमी तथा पूर्णिमा के दिन भी स्नान एवं जलाभिषेक होता हैं। इन पर्वो पर श्रद्धालु गंगा व अन्य पवित्र नदियों का जल कॉवड़ में लेकर पैदल अपने-अपने क्षेत्र के शिव मन्दिरों अथवा अन्य प्रसिद्ध मन्दिरों में ले जाकर जलाभिषेक करते है। इस अवसर पर शिवालयों में काफी संख्या में श्रद्धालुजन/कॉवरिये एकत्रित होते है। श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को शिवालयों में जलाभिषेक के लिये श्रद्धालुजन/कॉवड़िये जनपद के विभिन्न मार्गो से होकर पहुॅचेगें।”

मन्दिरों पर तैयार किये जाएगी कन्ट्रोल रूम

जिलाधिकारी ने कहा कि, ”जनपद के 04 पौराणिक शिवालयों बाबा घुइसरनाथ धाम, बाबा बेलखरनाथधाम, हौदेश्वरनाथ धाम व भयहरणनाथ धाम पर अधिक से अधिक कांवड़िये/श्रद्धालु जलाभिषेक करने आते है, इसलिये इन शिवालयों पर समस्त प्रकार की व्यवस्थायें सुनिश्चित कर ली जाये। उन्होने मन्दिरों/शिवालयों पर लगाये गये सेक्टर मजिस्ट्रेट एवं जोनल मजिस्ट्रेट को निर्देशित किया कि अपने अधीनस्थों के साथ बैठकर रूपरेखा तैयार कर समस्त व्यवस्थायें सुनिश्चित कर ली जाये। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि कुण्डा के घाटों समस्त व्यवस्थायें सुनिश्चित कर ली जाये जिससे कोई भी घटना घटित न होने पाये। मन्दिरों पर कन्ट्रोल रूम बनाया जाये जिससे कोई भी समस्या उत्पन्न हो तो उसका निराकरण किया जा सके।”

महिला कावंड़ियों की सुरक्षा के लिए तैनात किये जाएंगी महिला पुलिसकर्मी

बैठक में उन्होने पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि घाट पर रस्सा आदि के माध्यम से चिन्हांकन कराया जाये जिससे श्रद्धालु घाटों पर गहरे पानी में न जाये तथा सुरक्षित रहे। नाव व गोताखोरों की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाये। मार्गो पर थोड़ी-थोड़ी दूर पर पुलिस पिकेट/गश्त तथा संवेदनशील स्थलों पर मोबाईल पेट्रोलिंग की व्यवस्था की जाये। घाट/जलाभिषेक स्थल पर अस्थायी पुलिस चौकी की स्थापना की जाये/पर्याप्ल पुलिस बल की व्यवस्था की जाये तथा पार्किंग की व्यवस्था भी करायी जाये। जेबकतरी, चैन स्नैचिंग, महिलाओं से छेड़खानी जैसे अपराधों पर विशेष सतर्कता बरती जाये व महिला कावंड़ियों की सुरक्षा एवं अभद्र व्यवहार रोकने हेतु महिला पुलिस का प्रबन्ध किया जाये।

महत्वपूर्व पर्वों पर बंद कराई जाएगी शराब व मांस दुकानें

आबकारी विभाग व पुलिस विभाग के अधिकारी को निर्देशित किया गया कि सोमवार को व महत्वपूर्ण पर्वो पर शराब व मांस की दुकानों को घाटो/जलाभिषेक स्थल व आस-पास बन्द करायी जाये। जिला पंचायत राज अधिकारी व नगर पंचायत/नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि घाट/जलाभिषेक स्थल के पास श्रद्धालुओं के रूकने हेतु अस्थायी टेन्ट की व्यवस्था की जाये, पब्लिक एड्रेस सिस्टम भी लगाया जाये तथा घाट/जलाभिषेक स्थल पर अस्थायी शौचालय की व्यवस्था तथा महिलाहों हेतु पृथक से प्रसाधन की व्यवस्था की जाये। घाट व जलाभिषेक स्थल पर निकलने वाले फूल-माला/बेल पत्र आदि को नदियों में प्रवाहित न किया जाये, इस हेतु लोगों को जागरूक किया जाये तथा इसके निस्तारण हेतु उचित व्यवस्था की जाये। विद्युत विभाग के अधिकारी को निर्देशित किया कि विद्युत की अबाध आपूर्ति हेतु पूर्व से व्यवस्था सुनिश्चित कराते हुये घाटों व जलाभिषेक स्थल प्रकाश की व्यवस्थायें सुनिश्चित करायी जाये। चिकित्सा विभाग के अधिकारी को निर्देशित किया गया कि घाट/जलाभिषेक स्थल पर चिकित्सा व्यवस्था हेतु कैम्प लगाया जाये तथा चिकित्सक एवं चिकित्सा स्टाफ सहित एम्बुलेन्स की व्यवस्था की जाये। आकस्किम चिकित्सा हेतु आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित की जाये।

पर्व को सकुशल एवं शान्तिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने की अपील

इसी प्रकार उन्होने सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि श्रद्धालुओं के कॉवड़ मार्ग पर लटके हुये, ढीले एवं अव्यवस्थित विद्युत तारों को पूर्व से ही ठीक करा लिया जाये जिससे किसी दुर्घटना या अप्रिय स्थिति से बचा जा सके। प्रत्येक जलाभिषेक स्थल पर प्रशासनिक कैम्प की व्यवस्था की जाये, कैम्प पर एडीओ पंचायत, सफाई कर्मी, एम्बुलेन्स, फायर बिग्रेड, विद्युत विभाग के अधिकारी, नगर निकाय के अधिकारी/कर्मचारी तथा पुलिस की अस्थायी चौकी बनायी जाये जो कॉवड़ियों के मूवमेन्ट पर सतत् निगरानी रखते हुये पर्व को सकुशल एवं शान्तिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराये।

बैठक में ये अधिकारीगण रहे मौजूद

बैठक में पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल ने थानाध्यक्षों को निर्देशित किया कि जिन क्षेत्रों में कांवड़ियें अधिक संख्या में निकलते है उन क्षेत्रों की लिस्ट सम्बन्धित थानों उपलब्ध रहें जिससे कि उन क्षेत्रों में कांवड़ियों की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित हो सके। कांवड़ यात्रा के दौरान क्षेत्रों में जिन पुलिस अधिकारियो की ड्यिटी लगी हो वह अपने ड्रेस में तैनात रहे। उन्होने निर्देशित किया कि पुलिस अधिकारीगण कांवड़ यात्रा के दौरान कांवरियों की सुरक्षा व्यवस्था की निरन्तर निगरानी करते रहे, इस कार्य में किसी भी प्रकार की शिथिलता व लापरवाही न बरती जाये। बैठक में अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) त्रिभुवन विश्वकर्मा, मुख्य राजस्व अधिकारी राकेश गुप्ता, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 जी0एम0 शुक्ला, जिला पंचायत राज अधिकारी रविशंकर द्विवेदी, समस्त उपजिलाधिकारी, समस्त अधिशासी अधिकारी व अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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