अफ्रीकी देशों में फैल रहा Mpox से बढ़ी चिंता,क्या नया कोरोना साबित हो सकता है?

Aanchal Singh
By Aanchal Singh
अफ्रीकी देशों में फैल रहा Mpox से बढ़ी चिंता
अफ्रीकी देशों में फैल रहा Mpox से बढ़ी चिंता

Mpox and lockdown: अफ्रीकी देशों में तेजी से फैल रही एमपॉक्स (Mpox) की बीमारी को लेकर दुनिया भर में चिंता बढ़ रही है. कई लोग इसे नया कोरोना मानकर आशंका जता रहे हैं कि कहीं फिर से लॉकडाउन की स्थिति न बन जाए. कोरोना के कारण हुए पिछले लॉकडाउन की मुसीबत को याद करके लोग सिहर उठते हैं, और इसलिए इस तरह की चिंता होना स्वाभाविक है. इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के विशेषज्ञ डॉ. हांस क्लुजे ने स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा है कि एमपॉक्स नया कोविड नहीं है. उन्होंने बताया कि अधिकारी इस बीमारी को फैलने से रोकने के तरीकों को जानते हैं और इस वजह से लॉकडाउन की आशंका नहीं है.

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यूरोप में फैला डर और नए वैरिएंट का खतरा

यूरोप में फैला डर और नए वैरिएंट का खतरा

बताते चले कि अफ्रीका के बाद यूरोप में भी एमपॉक्स (Mpox) के कुछ मामले सामने आए हैं, जिससे वहां के लोग डरे हुए हैं. एमपॉक्स का नया वैरिएंट Clade Ib बेहद खतरनाक है और इस बीमारी के कारण मौत का जोखिम 10 से 11 प्रतिशत तक हो सकता है. यूरोप के लोगों में इस वैरिएंट को लेकर बढ़ती चिंता पर डॉ. हांस क्लुजे ने कहा कि वायरस के इस नए वैरिएंट से जरूर चिंता होनी चाहिए, लेकिन हम मिलकर इसके संक्रमण को रोक सकते हैं. हाल के महीनों में डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में एमपॉक्स के कारण 450 लोगों की मौत हो चुकी है, और अब इसका एक मामला स्वीडन में भी पाया गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस नए वैरिएंट के बारे में हमें और जानने की जरूरत है, लेकिन वर्तमान में यह बीमारी तेजी से फैल सकती है और गंभीर स्थिति उत्पन्न कर सकती है.

एमपॉक्स वायरस का नया स्ट्रैन और उसके लक्षण

एमपॉक्स वायरस का नया स्ट्रैन और उसके लक्षण

मंकीपॉक्स वायरस (Mpox) का नया स्ट्रैन इस साल अप्रैल में डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में खोजा गया था, हालांकि 2022 में ही इसका पहला मामला लंदन में सामने आया था. अब तक कांगो में 450 लोगों की मौत हो चुकी है. यह बीमारी इतनी खतरनाक है कि 10 संक्रमित मरीजों में से एक की जान ले सकती है। एमपॉक्स का संक्रमण अब कांगो के बाहर भी फैलने लगा है, जिसके चलते WHO ने इसे ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है. मायो क्लीनिक के अनुसार, एमपॉक्स संक्रमण के 3 से 17 दिनों के बाद इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं. इन लक्षणों में बुखार, त्वचा पर रैशेज, नसों का फूलना, सिर दर्द, बदन में ऐंठन, पीठ में दर्द, ठंडी लगना और थकान शामिल हैं. मंकीपॉक्स में मुख्य रूप से मुंह, हाथ और पैरों पर रैशेज दिखाई देते हैं.

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संक्रमण का खतरा और बचाव के उपाय

संक्रमण का खतरा और बचाव के उपाय

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अब तक के ज्ञात वैज्ञानिक प्रमाणों के अनुसार, एमपॉक्स (Mpox) का संक्रमण मुख्य रूप से समलैंगिक पुरुषों में ज्यादा होता है. यानी पुरुषों के बीच यौन संबंध रखने वाले पुरुषों में इस बीमारी का खतरा अधिक है. कांगो में यौनकर्मियों के बीच इस बीमारी के ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि केवल समलैंगिक पुरुष ही इस बीमारी से प्रभावित हो सकते हैं, बल्कि संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में आने वाले अन्य लोग भी इस बीमारी के उच्च जोखिम में होते हैं.

लॉकडाउन जैसी स्थिति की फिलहाल कोई आशंका नहीं

लॉकडाउन जैसी स्थिति की फिलहाल कोई आशंका नहीं

एमपॉक्स (Mpox) को लेकर बढ़ती चिंता और इसके खतरनाक वैरिएंट के बावजूद, विशेषज्ञों का मानना है कि इसे रोकने के उपाय मौजूद हैं और लॉकडाउन जैसी स्थिति की फिलहाल कोई आशंका नहीं है. लोगों को जागरूक होकर सुरक्षा के उपाय अपनाने की जरूरत है.

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