त्योहारों से पहले आम आदमी को मिली राहत, आलू और चावल के दामों में गिरावट

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

Potato and Rice Price: त्योहारों के सीजन के आगमन से पहले आम आदमी के लिए एक राहत की खबर आई है. हाल के दिनों में आलू और चावल की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है. पिछले 20 दिनों के भीतर आलू की कीमतों में 8 प्रतिशत की कमी आई है. इसका मुख्य कारण उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) और पश्चिम बंगाल (West Bengal) के कोल्ड स्टोरेज में आलू का अत्यधिक स्टॉक है. उम्मीद जताई जा रही है कि आगामी दिनों में आलू की कीमतों में और भी कमी आ सकती है.

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आलू की कीमतों में अचानक आई वृद्धि

बताते चले कि पिछले महीने आलू की कीमतों में अचानक आई वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal government) ने इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके अलावा, उत्तर प्रदेश से उत्तर-पूर्वी राज्यों में आलू ले जाने वाले ट्रकों की आवाजाही भी रोक दी गई थी. इन प्रतिबंधों के कारण यूपी और पश्चिम बंगाल के कोल्ड स्टोरेज में आलू का स्टॉक ओवरलोड हो गया, जिसके चलते आलू की कीमतों में गिरावट आनी शुरू हो गई.

आने वाले दिनों में आलू की सप्लाई बढ़ने वाली

आलू कारोबारियों का कहना है कि बाजार में आलू की कीमतों में गिरावट की यह प्रवृत्ति जारी रहेगी. आने वाले दिनों में आलू की सप्लाई बढ़ने वाली है क्योंकि इन दोनों राज्यों के कोल्ड स्टोरेज में ओवरलोड आलू को नवंबर से पहले इस्तेमाल किया जाना है. हाल ही में, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने आलू के अंतरराज्यीय व्यापार की अनुमति दी थी, जिससे अन्य राज्यों को राहत मिली है.

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चावल की कीमतों में आई कमी

आलू के साथ-साथ चावल की कीमतों में भी गिरावट देखी जा रही है। इस साल खरीफ की फसल के अच्छे होने की उम्मीद जताई जा रही है, जिससे चावल की कीमतों में कमी आई है. पिछले तीन महीनों में बासमती चावल की कीमतें खुदरा स्तर पर 75 रुपये प्रति किलो से घटकर 60 रुपये प्रति किलो पर आ गई हैं. इसका एक कारण यह भी है कि निर्यात बाजार इतना मजबूत नहीं है और कई देशों में चावल की कीमतें भारत की तुलना में कम हैं. भारत ने बासमती चावल (Basmati rice) का न्यूनतम निर्यात मूल्य 950 डॉलर प्रति टन निर्धारित किया है. वैश्विक बाजारों में अन्य देशों की तुलना में कम कीमत पर चावल की पेशकश की जा रही है, जिससे भारत में बासमती चावल की कीमतों पर दबाव पड़ा है.

व्यापारियों ने क्या कहा ?

आलू के व्यापारियों का कहना है कि उनके कुल उत्पादन का 50 प्रतिशत हिस्सा अभी भी कोल्ड स्टोरेज में पड़ा है. आगामी हफ्तों में आलू की कीमतों में और गिरावट आने की उम्मीद है। फेडरल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन ऑफ इंडिया (Federal Cold Storage Association of India) के पदाधिकारियों के अनुसार, वर्तमान स्टॉक को समाप्त करना आवश्यक है क्योंकि इसके बाद महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ से नई फसल आने की संभावना है. इस प्रकार, आलू और चावल की कीमतों में आ रही इस गिरावट से त्योहारों के मौसम में आम आदमी को राहत मिल सकती है. बाजार में इन खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी से उपभोक्ताओं की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है.

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