लव जिहाद को लेकर सीएम योगी सख्त, अब तक 833 से ज्यादा गिरफ्तार, जानिए क्या है कानून

Laxmi Mishra
By Laxmi Mishra
लव जिहाद

उत्तर प्रदेश: लव जिहाद के बढ़ते मामलों को लेकर लगातार सीएम योगी सख्त नजर आ रहे हैं। दो साल में 427 मामले दर्ज हुए है वहीं 833 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अवैध धर्मांतरण के खिलाफ योगी आदित्यनाथ की सरकार सख्त रुख अपनाए हुए हैं। तकरीबन ढाई बरस पहले योगी सरकार ने राज्य में लव जिहाद के खिलाफ कानून लागू किया था और उसके बाद से लगातार एक्शन भी जारी है।

बता दें कि उत्तर प्रदेश में 2021 से 30 अप्रैल 2023 तक 427 मामले लव जिहाद के मामले दर्ज हुए हैं। जबकि धर्मांतरण कानून को लेकर अब तक 833 से ज्यादा गिरफ्तारी हुई है। वहीं 185 मामलों में पीड़ित ने कोर्ट के सामने जबरदस्ती धर्म परिवर्तन की बात कबूली है। नाबालिगों के धर्मांतरण के मामले में अब तक 65 मामले दर्ज हो चुके हैं। सबसे ज्यादा मामले बरेली जनपद में अब तक दर्ज हुए है। दिव्यांग बच्चों का धर्मांतरण कराने वाले रैकेट का खुलासा भी उत्तर प्रदेश में हो चुका है। इस वजह से योगी सरकार प्रदेश में लगातार धर्मांतरण को लेकर सख्ती के साथ पेश आ रही है।

1- यूपी में धर्मांतरण कानून के तहत दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को 10 साल तक की जेल हो सकती है। कानून में जुर्माने की राशि 15 हजार से 50 हजार तक है।

2- एससी/एसटी समुदाय के नाबालिगों और महिलाओं के धर्मांतरण पर तीन से 10 साल की सजा हो सकती है।

3- जबरन सामूहिक धर्मांतरण के लिए तीन से 10 साल जेल की सजा और 50 हजार जुर्माना हो सकता है।

4- वहीं बता दें कि देश के कई राज्यों में धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून लागू है। इसमें से ज्यादातर राज्यों में बीजेपी की सरकार के समय ये कानून लाए गए थे।

5- ओडिशा- धर्मांतरण कानून का दोषी पाए जाने पर 1 से 2 साल की सजा तक का प्रावधान है, जो अलग-अलग समुदाय के अनुसार हैं। यहां धर्मांतरण कानून का उल्लंघन करने पर 10 हजार रुपए के जुर्माने का प्रावधान है।

6- उत्तर प्रदेश- यहां भी अपराध की गंभीरता के आधार पर तीन से 10 साल की सजा हो सकती है। कानून तोड़ने पर यहां जुर्माने की राशि 15,000 से लेकर 50,000 रुपए तक है।

7- मध्य प्रदेश- यहां धर्मांतरण कानून का उल्लंघन पर 1 से 2 साल तक की सजा का प्रावधान है। यहां भी समुदायों के आधार पर सजा का प्रावधान है। जुर्माने के बात करें तो ये 10 हजार रुपए है।

8- उत्तराखंड- यहां धर्मांतरण कानून के उल्लंघन का दोषी पाए जाने पर 1 से 5 साल तक की सजा का प्रावधान है। एससी-एसटी मामले में ये सजा 2 से 7 साल तक है।

9- गुजरात- यहां धर्मांतरण कानून का उल्लंघन करने पर 3 से 4 साल की सजा का प्रावधान है। हिमाचल में ये सजा 1-5 साल तक है जबकि एससी-एसटी मामले में ये 2 से 7 साल तक है।

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