16th Finance Commission: पटना में मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित ‘संवाद’ में आयोजित 16वें वित्त आयोग की बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा और राज्य मंत्रिमंडल के अन्य सदस्य तथा विभाग के वरीय अधिकारी शामिल हुए। इस दौरान वित्त आयोग की ओर से तैयार मेमोरेंडम का मुख्यमंत्री ने अनावरण किया।इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि,बहुत खुशी की बात है बिहार राज्य में 3 दिवसीय भ्रमण पर 16वें वित्त आयोग का आगमन हुआ है। वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविन्द पनगढ़िया सहित सभी सदस्यगण का वे बिहार की धरती पर हार्दिक स्वागत करते हैं।
16वें वित्त आयोग की बैठक में शामिल हुए सीएम नीतीश कुमार

मुख्यमंत्री ने कहा,आप समी काफी अनुभवी एवं योग्य है और बिहार को आपसे काफी उम्मीदें हैं। यह गौरव की बात है कि आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविन्द पनगढ़िया नालंदा विश्वविद्यालय, राजगीर के कुलाधिपति भी हैं, इसलिए वे बिहार की सामाजिक एवं आर्थिक पृष्ठभूमि से परिचित हैं।मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “24 नवम्बर, 2005 से जब हमलोग सरकार में आए, तब से राज्य में कानून का राज है। हम लोग राज्य के विकास के लिए लगातार काम कर रहे हैं। 2005 के पहले लोग शाम के बाद घरों से बाहर नहीं निकलते थे। समाज में काफी विवाद होता था। हिन्दु-मुस्लिम झगड़ा होता था। स्कूलों में बहुत कम बच्चे पढ़ते थे। अस्पतालों में इलाज का पूरा इंतजाम नहीं था। पूरे राज्य में सड़कों की काफी कमी थी और जो थी उनका बुरा हाल था। राजधानी पटना तथा अन्य जगहों पर बिजली की स्थिति बहुत खराब थी।
शिक्षा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार पर दिया जोर
मुख्यमंत्री ने शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर कहा,शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार को लेकर विशेष ध्यान दिया गया। इसके लिए बड़ी संख्या में नए स्कूल खोले गए। वर्ष 2006-07 में लड़के-लड़कियों के लिए पोशाक योजना शुरू की गई। वर्ष 2008 में नौंवी क्लास की लड़कियों के लिए साइकिल योजना चलाई गई। फिर वर्ष 2010 से लडकों के लिए भी साइकिल योजना शुरू की गई। बडी संख्या में सरकारी शिक्षकों की बहाली की गई है। इसके अलावा स्वास्थ्य सेवाओं में भी काफी सुधार किया गया। पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में इलाज के लिए प्रति माह 39 मरीज ही आते थे।प्रतिदिन 1 या 2 मरीज ही आते थे। वर्ष 2006 से अस्पतालों में मुफ्त दवा एवं इलाज की पूरी व्यवस्था की गई है। अब प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में हर महीने 11 हजार से अधिक मरीज आते हैं।
स्वयं सहायता समूह का गठन कर दिया जीविका नाम-सीएम

मुख्यमंत्री ने कहा,राज्य में बड़ी संख्या में सड़कों, पुल-पुलियों तथा एलिवेटेड रोड का निर्माण कराया गया है। साथ ही हर घर बिजली सुनिश्चित की गई है। स्थानीय निकायों के सशक्तीकरण हेतु कई कार्य किए गए हैं। वर्ष 2006 में पंचायती राज संस्थाओं और वर्ष 2007 में नगर निकायों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण से शुरुआत की गई। पंचायतों में पंचायत सरकार भवन बनाने का काम किया गया है।
उन्होंने कहा, पहले बिहार में स्वयं सहायता समूह की संख्या बहुत कम थी। वर्ष 2006 में विश्व बैंक से कर्ज लेकर राज्य में स्वयं सहायता समूह का गठन किया जिसे ‘जीविका’ नाम दिया। अब स्वयं सहायता समूह की संख्या 10 लाख 61 हजार हो गई है, जिसमें जीविका दीदियों की संख्या 1 करोड़ 31 लाख हो गई है। शहरी क्षेत्रों में भी स्वयं सहायता समूह का गठन हो रहा है।
मखाना बोर्ड की स्थापना के लिए जताया केंद्र सरकार का आभार
सीएम नीतीश कुमार ने कहा,वर्ष 2005 में राज्य का बजट मात्र 30 हजार करोड़ रुपए था। उसके बाद हर वर्ष सरकार के द्वारा काफी काम किया गया है, जिससे बजट का आकार लगातार बढ़ा है। इस वर्ष राज्य का बजट बढ़कर 3 लाख 17 हजार करोड़ रुपए हो गया है। बिहार के विकास में वर्तमान केन्द्र सरकार का भी पूरा सहयोग प्राप्त हो रहा है।सीएम ने कहा,यह खुशी की बात है वर्ष 2024 में वर्तमान केन्द्र सरकार के लगातार तीसरी बार गठन के बाद प्रस्तुत बजट में बिहार के लिए विशेष आर्थिक सहायता के रूप में सड़क, उद्योग, स्वास्थ्य, पर्यटन, बाढ़ नियंत्रण के लिए बड़ी राशि देने की घोषणा की गई थी।
पुनः इस वर्ष 2025 में केन्द्र सरकार के द्वारा प्रस्तुत बजट में बिहार के लिए मखाना बोर्ड की स्थापना, बिहार में नए हवाई अड्डों का विकास, पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के लिए वित्तीय सहायता तथा पटना आईआईटी के विस्तार की घोषणा की गई है।
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