Kangana Ranaut थप्पड़ कांड पर चिराग पासवान का बयान आया सामने,जानें क्या कहा ?

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

Kangana Ranaut: जानी मानी एक्ट्रेस और मंडी से सांसद कंगना रनौत की जीत के बाद उनके फैंस और परिवार में खुशी की लहर दौड़ रही है. लेकिन हाल ही में उनका थप्पड़ कांड इस समय खूब चर्चा में चल रहा है. बॉलीबुड से लगाकार राजनीतिक गलियारों तक ये मामला सुर्खियों में है. इस मामले पर लोग कंगना के सपोर्ट में उतरे..तो वहीं कई लोगों ने उन पर तंज कसने में जरा सी भी कसर नहीं छोड़ी. चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर कंगना को सीआईएसएफ कॉन्सटेबल द्वारा थप्पड़ मारने की घटना अब तक सोशल मीडिया पर सुर्ख़ियों में है. इस पर अब चिराग पासवान का बयान सामने आया है.

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चिराग पासवान कंगना को लेकर चर्चा में

आपको बता दे कि हाजीपुर से सांसद और लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को पहली बार मोदी कैबिनेट में जगह मिली है. मोदी 3.0 में उन्हें फूड प्रोसेसिंग मंत्रालय का प्रभार दिया गया है. वहीं, केंद्रीय मंत्री बनने के साथ ही चिराग पासवान कंगना रनौत को लेकर भी चर्चा में हैं.

कंगना के थप्पड़ कांड पर क्या बोले चिराग?

डीएनए के साथ बातचीत करते हुए चिराग पासवान ने राजनीतिक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की. इसके साथ ही उन्होंने कंगना रनौत के थप्पड़ कांड पर भी अपनी बात रखी. चिराग ने कहा कि वह CISF कॉन्सटेबल कुलविंदर कौर के दर्द को समझ सकते हैं.

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‘हर व्यक्ति को अभिव्यक्ति की आजादी’

चिराग पासवान ने कहा, ”ये गलत है, आप अपनी बात कहने के लिए गाली या हाथापाई का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. हर व्यक्ति को अभिव्यक्ति की आजादी है, अपनी बात रख सकता है. मैं महिला कॉन्सटेबल की भावना को समझ सकता हूं, उनकी मां बैठी थीं, उनको बुरा लगा होगा, लेकिन वो अपनी बात को मर्यादित शब्दों में कह सकती थी. मुझे लगता है कि तब उनकी बात की गूंज ज्यादा होती. अगर वो कड़े शब्दों में अपना ऐतराज दर्ज करातीं और कहतीं कि आपने ऐसा क्यों कहा था, मेरी मां थीं वहां पर मुझे दुख पहुंचा. आपने हाथ उठाकर अपनी भावना को छोटा कर दिया.

‘विरोध दर्ज कराइए लेकिन मर्यादित शब्दों में कराइए’

बताते चले कि चिराग पासवान ने अपनी बात रखते हुए कहा, हर किसी को सोच और अभिव्यक्ति की आजादी है. कंगना ने अपनी बातों को रखा और वो (सीआईएसएफ कर्मी) भी अपनी बातों को ऐसे ही रख सकती थीं. कोई व्यक्ति, किसी भी महिला या पुरुष पर हाथ नहीं उठा सकता. मैं ये नहीं कह रहा कि सिर्फ महिला पर हाथ नहीं उठना चाहिए. पुरुष पर भी हाथ उठाना गलत है. आप विरोध दर्ज कराइए लेकिन मर्यादित शब्दों में कराइए.

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