श्रीलंका के फैसले से चीन की परेशानियां बढ़ी तो वहीं भारत को मिली बड़ी सफलता

Mona Jha
By Mona Jha

Sri Lanka Airport Contract News : श्रीलंका में भारत और चीन के बीच प्रतिद्वंदिता लगातार जारी है और दोनों ही देश एक के बाद एक प्रोजेक्ट हासिल करने और दूसरे के हाथ से प्रोजेक्ट छीनने की फिराक में लगे रहते हैं, इस दौरान श्रीलंका ने चीन को बड़ा झटका देते हुए चीन द्वारा श्रीलंका में बनवाए गए एयरपोर्ट के मैनेजमेंट की जिम्मेदारी श्रींलंका सरकार ने भारत और रूस की कंपनी को अगले 30 सालों के लिए सौंप दी है. बता दें कि, चीन ने श्रीलंका में मटाला राजपक्षे अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को 209 करोड़ डॉलर की लागत से बनवाया था. हालांकि, अभी तक श्रीलंका द्वारा किए गए इस समझौते की कीमत का खुलासा नहीं किया गया है.

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209 मिलियन डालर में बना था एयरपोर्ट

श्रीलंकन कैबिनेट ने शुक्रवार को अपने बयान में कहा कि, सरकार ने मटाला राजपक्षे अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (MRIA) का मैनेजमेंट भारत को सौंपने को मंजूरी दे दी है, जिसका निर्माण चीन ने 209 मिलियन डॉलर की लागत से करवाया था. समझौते को लकरे श्रीलंका ने कहा है, कि इस एयरपोर्ट के मैनेजमेंट की जिम्मेदारी अगले 30 सालों के लिए भारत और रूस की कंपनियों को सौंपी जाएगी.

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2013 में हुआ था एयरपोर्ट का निर्माण

जानकारी के मुताबिक, मटाला राजपक्षे अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण 2013 में महिंदा राजपक्षे की सरकार में की गई थी, श्रीलंका सरकार ने चीन के एक्सिम बैंक से विभिन्न परियोजनाओं के लिए 4.2 अरब डॉलर का कर्ज लिया था. जिनमें से एक इस एयरपोर्ट का निर्माण भी शामिल था. जिसके बाद से चीन के कर्ज की उच्च ब्याज दरों की वजह से श्रीलंका का घाटा बढ़ता जा रहा है, यही वजह है कि श्रीलंका की सरकार चीन के एक्सिम बैंक से लिए गए कर्ज को फिर से पुनर्संगठित करने की मांग भी कर रही है.

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लगातार विवादों में घिरा रहा ये एयरपोर्ट

मटाला राजपक्षे इंटरनेशनल एयरपोर्ट अपने निर्माण के बाद से ही लगातार विवादों में घिरा रहा है, क्योंकि, यहां काफी कम संख्या में फ्लाइट्स आती हैं और इसके साथ ही ये एयरपोर्ट जिस जगह बना है, वो जगह भी पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील है. इसके कारण श्रीलंका की सरकार को इस एयरपोर्ट से काफी घाटा उठाना पड़ा है. इसी वजह से श्रीलंका की सरकार ने इस एयरपोर्ट का मैनेजमेंट भारत की कंपनी शौर्य एयरोनॉटिक्स (प्राइवेट) लिमिटेड और रूस की कंपनी रीजन्स मैनेजमेंट कंपनी को 30 वर्षों के लिए सौंप दिया है.

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