ChatGPT: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दुनिया में ChatGPT जैसे चैटबॉट्स ने क्रांति ला दी है। लेकिन अब इनके इस्तेमाल से जुड़ी एक हैरान कर देने वाली बात सामने आई है। दरअसल, चैटबॉट्स को ऑपरेट करने के पीछे जो तकनीक है, वो सस्ती नहीं है। हाल ही में OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन ने एक दिलचस्प मगर गंभीर बात कही उन्होंने बताया कि, जब यूजर्स ChatGPT से सवाल पूछते समय “प्लीज” और “थैंक यू” जैसे विनम्र शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, तो इससे भी कंपनी पर करोड़ों डॉलर का बिजली खर्च आ जाता है।
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कमांड से हो रही है बिजली की खपत
ऑल्टमैन का कहना था कि भले ये शब्द छोटे हों, लेकिन हर एक कमांड के साथ सिस्टम को ज्यादा डेटा प्रोसेस करना पड़ता है, जिससे बिजली की खपत बढ़ती है। एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि “नो प्लीज, नो थैंक यू” – यानी सीधे सवाल पूछिए, मशीन को भावनाओं की जरूरत नहीं होती।
क्या ऐसा होता है? और अगर होता है तो क्यों?
ऑल्टमैन ने इसका जवाब दिया GPU! दरअसल GPU यानी ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट। ये एक कंप्यूटर चिप होती है जो इमेज, वीडियो, एनिमेशन वगैरह को रेंडर करने में काम आती है। इन्हें ग्राफिक्स कार्ड भी कहा जाता है। नॉर्मल कंप्यूटर में बेसिक GPU होता है, जबकि AI सिस्टम जैसे कि ChatGPT में हजारों हाई-एंड GPU का इस्तेमाल होता है।
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OpenAI ने 10,000 GPU यूनिट्स का किया यूज़
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ChatGPT को ट्रेंड करने के लिए OpenAI ने करीब 10,000 GPU यूनिट्स का इस्तेमाल किया था। इसके लिए माइक्रोसॉफ्ट से अरबों रुपये की क्लाउड सेवाएं ली गईं। अब जब भी कोई यूजर सवाल पूछता है, हर एक क्वेरी पर औसतन 2.9 वाट-ऑवर की बिजली खर्च होती है। इस हिसाब से लाखों यूजर्स के “प्लीज” और “थैंक यू” भी बड़ा खर्च बन जाते हैं।