Telegram के CEO Pavel Durov पर आरोप तय, जानिए कोर्ट ने क्या कहा …

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

Pavel Durov: फ्रांस के न्यायाधीशों ने टेलीग्राम (Telegram) मैसेजिंग एप के सीईओ पावेल ड्यूरोव (Pavel Durov) पर उनके प्लेटफॉर्म पर आपराधिक गतिविधियों को अनुमति देने के मामले में प्रारंभिक आरोप लगाए हैं. पावेल को पिछले शनिवार को पेरिस के बे बॉर्गेट हवाई अड्डे के बाहर हिरासत में लिया गया था. चार दिनों की गहन पूछताछ के बाद बुधवार को उन्हें अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 50 लाख यूरो की जमानत पर रिहा कर दिया गया. हालांकि, जांच के दौरान उन्हें फ्रांस छोड़ने से रोक दिया गया है और उन्हें सप्ताह में दो बार पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है.

ऑनलाइन अवैध गतिविधियों और टेलीग्राम पर आरोप

आपको बता दे कि पावेल ड्यूरोव (Pavel Durov) और उनके प्लेटफॉर्म टेलीग्राम पर आरोप है कि इस एप का इस्तेमाल बाल यौन शोषण सामग्री और मादक पदार्थों की तस्करी जैसे अवैध कार्यों के लिए किया जा रहा है. फ्रांसीसी अधिकारियों ने टेलीग्राम से बच्चों के खिलाफ अपराधों के आरोपियों के डेटा की जांच के लिए सहयोग मांगा था, लेकिन टेलीग्राम ने कथित तौर पर जांच में सहयोग से इनकार कर दिया. इसके बाद फ्रांसीसी सरकार ने टेलीग्राम के खिलाफ प्रारंभिक जांच शुरू की थी.

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और ड्यूरोव के समर्थन में आगे आए

पावेल ड्यूरोव (Pavel Durov) की गिरफ्तारी के बाद से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के समर्थक और सत्तावादी सरकारों के आलोचक उनके बचाव में आगे आए हैं. इस मामले ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर अवैध गतिविधियों पर निगरानी रखने की पुलिस की चुनौतियों को उजागर किया है. ड्यूरोव, जो रूस में जन्मे हैं और कई पासपोर्ट रखते हैं, की असामान्य जीवनी ने भी इस मामले में ध्यान आकर्षित किया है.

न्यायिक प्रक्रिया और ड्यूरोव का बचाव

बताते चले कि फ्रांस के न्यायिक प्रणाली के तहत, न्यायाधीशों द्वारा प्रारंभिक आरोप तय करने का मतलब यह होता है कि उनके पास यह मानने के पर्याप्त कारण हैं कि अपराध हुआ है, लेकिन मामले की आगे की जांच के लिए समय दिया जाता है. ड्यूरोव के वकील ने इन आरोपों को बेतुका बताया है, उनका कहना है कि किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किए गए अपराधों के लिए उसके मालिक को दोषी ठहराना उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि प्लेटफॉर्म को आपराधिक कृत्यों में फंसाना एक गंभीर गलती है और यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के सिद्धांतों के खिलाफ है.

टेलीग्राम की भूमिका और फ्रांसीसी सरकार का रुख

टेलीग्राम पर लगे आरोपों के चलते फ्रांसीसी सरकार ने इस प्लेटफॉर्म के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है. सरकारी अधिकारियों का कहना है कि टेलीग्राम (Telegram) ने जांचकर्ताओं के साथ आरोपों से संबंधित दस्तावेज साझा करने से इनकार कर दिया, जिससे जांच में बाधा उत्पन्न हुई. इस मामले में फ्रांसीसी न्यायालय ने टेलीग्राम के खिलाफ प्रारंभिक जांच के तहत ड्यूरोव पर आरोप तय किए हैं और उन्हें जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया गया है.

पावेल ड्यूरोव (Pavel Durov) और टेलीग्राम के खिलाफ लगे आरोप गंभीर हैं, जिनका संबंध बाल यौन शोषण और मादक पदार्थों की तस्करी जैसी आपराधिक गतिविधियों से है. इस मामले में फ्रांस की न्यायिक प्रणाली ने ड्यूरोव पर आरोप तय कर दिए हैं और उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया है. हालांकि, इस मामले की जांच जारी रहेगी और टेलीग्राम की भूमिका की जांच के लिए आगे की कार्रवाई की जाएगी. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स की जिम्मेदारियों के बीच इस मामले ने एक महत्वपूर्ण बहस को जन्म दिया है, जो आने वाले समय में और गहराएगी.

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