163 साल पुराने आपराधिक कानूनों में बदलाव आज से BNS, BNSS के तहत दर्ज होंगे मुकदमे..

Mona Jha
By Mona Jha

संवाददाता शमशाद खान

Criminal laws : आपराधिक गतिविधियों की रोकथाम के लिए करीब 163 साल पुराने कानूनों में बदलाव कर इनके स्थान पर आज से भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम प्रभावी हो गए हैं। नरसिंहपुर जिले के सभी थानों में अब आईपीसी, सीआरपीसी की जगह बीएनएस, बीएनएसएस की नई धाराओं के तहत अपराध दर्ज होंगे।

नए कानूनों में महिला अपराधों के संबंध में बड़ा परिवर्तन ये है कि एफआईआर में उनके लिए स्त्री शब्द की जगह महिला लिखा जाएगा। वहीं नाबालिग बच्चों की सुरक्षा को लेकर एक नई धारा जोड़ी गई है, जिसमें अपराध के लिए उन्हें किराए पर लेना दंडनीय अपराध होगा। अभी तक ये राहत सिर्फ महिलाओं के लिए थी। रविवार को पुलिस अधीक्षक अमित कुमार के निर्देशन में सभी थानों में महिलाओं-बच्चों से संबंधित धाराओं के तहत विवेचना का विशेष प्रशिक्षण सत्र चलता रहा।

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यह नई धाराएं देंगी सुरक्षा

एसपी अमित कुमार ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता 2023 में बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित दो नई धाराएं जोड़ी गईं हैं। इसमें बीएनएस 95 सबसे अहम है। इसके तहत अपराध के लिए यदि कोई बालक को भाड़े पर लेगा, या इस्तेमाल करेगा तो उसे 3 से 10 साल तक की सजा हो सकेगी। यह संज्ञेय और अजमानतीय धारा है। अभी तक इस तरह के सुरक्षात्मक उपाय सिर्फ महिलाओं के लिए थे। अब नई धारा में बच्चों को भी शामिल किया गया है। वहीं नई धारा 69 महिलाओं से संबंधित है। शादी का झांसा देकर या लिव इन रिलेशनशिप में यौनाचार करने को गैरजमानती अपराध माना गया है। इसमें पुरुष का आरोप सिद्ध होने पर 10 साल तक की सजा का प्रावधान है।

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बयानों के दौरान की जाएगी रिकॉर्डिंग

अभी तक गवाहों के न्यायालय में मुकरने की पूरी गुंजाइश रहती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। क्योंकि अपराध से संबंधित बयानों की पुलिस वीडियो रिकॉडिर्ंग करेगी। इसी तरह महिला से संबंधित बयान भी न्यायालय में महिला मजिस्ट्रेट ही लिखेंगी। इलेक्ट्रानिक माध्यमों पर भी ये बयान दर्ज किए जाएंगे।

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पति के विरुद्ध दुष्कर्म की शिकायत दर्ज नहीं होगी

अब महिलाओं द्वारा पति के विरुद्ध दुष्कर्म की शिकायत दर्ज नहीं होगी, नए कानून के अनुसार 18 साल से अधिक उम्र की पत्नी के साथ दुष्कर्म के प्रावधान को खत्म कर दिया गया है। चूंकि मुसि्लम पर्सनल लॉ में 18 साल से कम उम्र भी शादी की इजाजत है, इसलिए नया प्रावधान का असर ऐसे मामलों में भी पड़ेगा। बता दें कि घरेलू विवादों के चलते कई मामलों में पति्नयां अपने पतियों के विरुद्ध दुष्कर्म का अब तक केस दर्ज करवाती थीं।

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छात्राओं को ई-एफआईआर की दी जानकारी

थानों में पुलिसकर्मियों को ई-एफआईआर की प्रक्रिया समझाने के बाद अब एसपी अमित कुमार, एएसपी नागेंद्र पटेरिया स्कूल-कॉलेजों में अध्ययनरत विद्यारि्थयों खासकर बालिकाओं को ई एफआईआर की जानकारी देने की तैयारी में हैं। ताकि, सड़क या सार्वजनिक स्थलों पर छेड़छाड़, अभद्रता होने पर बालिकाएं अपने ही मोबाइल से तत्काल ई एफआईआर दर्ज करा सकें। उन्हें थाने न आना पड़े, रिपोर्ट लिखवाने के दौरान उन्हें किसी अनचाहे दबाव का सामना न करना पड़े। प्रशिक्षण का यह कार्यक्रम इस सप्ताह में शुरू हो सकता है।

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