नगीना चुनाव में जीत के बाद चंद्रशेखर आजाद की रणनीति..क्या BJP-Congress की बढ़ाएंगी मुश्किलें ?

Aanchal Singh
By Aanchal Singh
Chandrashekhar Azad

Chandrashekhar Azad: नगीना सीट से लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद आजाद समाज पार्टी के मुखिया और सांसद चंद्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad) सुर्खियों में बने हुए हैं. चंद्रशेखर ने बीजेपी, इंडिया अलायंस और बहुजन समाज पार्टी को हराते हुए जो जीत हासिल की है, उसकी चर्चा हर तरफ हो रही है. इस जीत के बाद चंद्रशेखर के हौसले बुलंद हैं और उन्होंने अब दूसरे राज्यों में भी चुनाव लड़ने का फैसला किया है, जिससे आने वाले समय में बीजेपी और कांग्रेस दोनों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

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वोट कटवा के आरोप और पार्टी का प्रदर्शन

वोट कटवा के आरोप और पार्टी का प्रदर्शन

नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad) ने न्यूज एजेंसी के पॉडकास्ट में बात करते हुए आगे की रणनीति का खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि अगर कोई उन्हें वोट कटवा कहता है, तो वह गलत है. चंद्रशेखर ने बिना बहुजन समाज पार्टी का नाम लिए कहा कि उनकी पार्टी ने सिर्फ दो सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन बाकी 78 सीटों पर बसपा का प्रदर्शन कैसा रहा. उन्होंने बताया कि कितनी ऐसी सीटें हैं जिन पर बसपा की जमानत जब्त हो गई.

सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना

सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना

क्या चंद्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad) अब सारी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हां, हम सारे चुनाव लड़ेंगे. सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, उत्तराखंड और पंजाब में भी चुनाव लड़ेंगे. चंद्रशेखर ने कहा कि आजाद समाज पार्टी को बड़ा बनाने का उनका उद्देश्य है और वे पार्टी से लीडरशिप देंगे. उनकी जीत से देश में लाखों एक्टिविस्ट के अंदर उम्मीद जगी है.

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पार्टी की रणनीति और भविष्य की चुनौती

चंद्रशेखर (Chandrashekhar Azad) ने बताया कि उनकी पार्टी की रणनीति साफ है. “जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी” के आधार पर उम्मीदवारों का चयन होगा. उन्होंने उपचुनाव में उत्तर प्रदेश की चार सीटों पर प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं. चंद्रशेखर ने कहा कि देश में किसी एक धर्म या एक जाति से चुनाव नहीं जीता जा सकता है.

बीजेपी और कांग्रेस के लिए चुनौती

बीजेपी और कांग्रेस के लिए चुनौती

चंद्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad) की इस रणनीति से आने वाले दिनों में बीजेपी और कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. बसपा के कमजोर होने के बाद बीजेपी और कांग्रेस दोनों की नजरें दलित और पिछड़े वोटबैंक पर टिकी हुई हैं. ऐसे में अगर आजाद समाज पार्टी मजबूती से चुनाव में उतरती है, तो बसपा का वोटबैंक उनकी ओर रुख कर सकता है. इसके साथ ही, चंद्रशेखर जिस तरह से मुस्लिम मुद्दों को खुलकर उठा रहे हैं, उससे बड़ी संख्या में मुस्लिम भी उनके साथ आ सकते हैं.

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PM पद के लिए उम्मीदवारी!

नगीना लोकसभा चुनाव में जीत के बाद आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद ने अपनी पार्टी को और मजबूत बनाने के लिए नई रणनीतियां तैयार की हैं. उनके विजय से प्रेरित, चंद्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad) ने अपने प्रदर्शन को बढ़ाते हुए उनकी पार्टी को एक महत्वपूर्ण राजनीतिक खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने का प्रयास किया है. उन्होंने अपनी योजना में व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवारी की बात की है, लेकिन उन्होंने खुद को एक कार्यकर्ता के रूप में स्थापित करने का भी जिक्र किया है.

चंद्रशेखर आजाद ने किया बड़ा दावा

चंद्रशेखर आजाद ने किया बड़ा दावा

बताते चले कि जब उनसे सवाल किया गया कि क्या वो प्रधानमंत्री बनेंगे इस पर भी उन्होंने बड़ा दावा कर दिया. चंद्रशेखर आजाद से जब ये सवाल किया गया कि बहुजन समाज की बेहतरी के लिए पीएम मोदी या राहुल गांधी में से कौन हो सकता है तो उन्होंने सीधा अपना नाम लिया और कहा- चंद्रशेखर आजाद.. नगीना सांसद ने कहा कि आप अभी मेरी बात को कम आंक रही हैं लेकिन, जो लोग जमीन पर नहीं जाते उन्हें नहीं पता कि वहां पर क्या चल रहा है. जमीन पर हालात बदल रहे हैं. वंचित लोग ईमानदार आदमी को चाहते हैं, जो उनकी लड़ाई लड़े, घर में न बैठे.

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