उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में 26 जनवरी 2018 को एक दर्दनाक वारदात हुई थी जिसमे युवक (चंदन गुप्ता) की निमर्म हत्या हुई थी। इस मामले में अब छह साल बाद लखनऊ की NIA स्पेशल कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने 28 आरोपियों को दोषी करार दिया, जबकि दो आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। इस मामले में करीब सात वर्षों तक सुनवाई चली, और अब कोर्ट शुक्रवार को दोषियों को सजा सुनाएगी।
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तिरंगा यात्रा में ली जान
अदालत ने इस मामले में 28 आरोपियों को दोषी ठहराया है। बता दे,चंदन गुप्ता की हत्या तिरंगा यात्रा के दौरान हुई थी, जब वह अपने दोस्तों के साथ तिरंगा यात्रा में शामिल होने गया था। तभी तिरंगा यात्रा के दौरान चंदन गुप्ता नामक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना के बाद पूरे देश का सांप्रदायिक माहौल गरम गया था और कासगंज में हिंसा भड़क उठी थी, जिसके कारण तीन दिनों तक कर्फ्यू लागू करना पड़ा था।
आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराएं
NIA कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ कई गंभीर धाराओं में दोषी करार दिया। इनमें आईपीसी की धारा 147, 148, 307/149, 302/149, 341, 336, 504, 506 के अलावा राष्ट्रीय ध्वज अपमान निवारण अधिनियम की धारा 2 भी शामिल है। हालांकि, देशद्रोह की धारा 124A पर सुनवाई नहीं की गई, क्योंकि इसे सुप्रीम कोर्ट ने निलंबित कर रखा है।

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17 लोगों को किया गिरफ्तार
इस मामले में पुलिस ने तीन मुख्य आरोपियों, वसीम, नसीम और सलीम सहित 117 लोगों को गिरफ्तार किया था, लेकिन बाद में SIT जांच के बाद चार्जशीट में 24 नामजद और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। चंदन गुप्ता के पिता सुशिल गुप्ता की याचिका पर इस मामले की सुनवाई को लखनऊ ट्रांसफर किया गया था।

अस्पताल में तोड़ा दम
फायरिंग के दौरान घायल चंदन को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। इस घटना के बाद कासगंज में हुए दंगों के कारण शहर की स्थिति बिगड़ गई, और प्रशासन को कर्फ्यू लागू करना पड़ा। इसके बाद सरकार ने SIT को जांच करने के आदेश दिए थे, जिसके बाद यह मामला एनआईए को सौंपा गया।अब इस फैसले से पीड़ित परिवार को न्याय मिलने की उम्मीद है और यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि इस तरह की घटनाओं में शामिल दोषियों को कड़ी सजा मिले।