CEC Appointment: देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को आश्चर्य जताते हुए कहा कि,भारत के मुख्य न्यायाधीश वैधानिक निर्देश के अनुसार भी सीबीआई डायरेक्टर जैसी नियुक्ति में कैसे शामिल हो सकते हैं ऐसे फैसलों पर अब विचार करने का समय आ गया है।भोपाल में राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी में छात्रों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने शक्तियों के बंटवारे के सिद्धांत का उल्लंघन करने पर अपनी चिंता जताई है।उन्होंने कहा,भारत या किसी भी लोकतांत्रिक देश में वैधानिक निर्देश के तहत मुख्य न्यायाधीश सीबीआई निदेशक के चयन में कैसे भाग ले सकते हैं?
CBI निदेशक की नियुक्ति में CJI के शामिल होने पर सवाल

उपराष्ट्रपति ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों से सवाल करते हुए कहा,क्या इसके लिए कोई कानूनी तर्क हो सकता है?मैं इसकी सराहना कर सकता हूं कि,वैधानिक निर्देश इसलिए बने क्योंकि तत्कालीन कार्यपालिका ने न्यायिक फैसले के आगे घुटने टेक दिए लेकिन इस पर अब पुनर्विचार का वक्त आ गया है।जगदीप धनखड़ ने यह भी कहा कि,न्यायपालिका को अपनी संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहकर कार्य करना चाहिए और कार्यपालिका की भूमिकाओं में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।उन्होंने स्पष्ट किया संविधान का सम्मान सभी संस्थाओं का कर्तव्य है और न्यायिक समीक्षा का उपयोग संसदीय संप्रभुता को प्रभावित करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
नए CEC की नियुक्ति से जोड़कर देखा जा रहा उपराष्ट्रपति का बयान

उनके इस बयान का संदर्भ मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) की आगामी नियुक्ति से जुड़ा है, क्योंकि मौजूदा मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार 18 फरवरी को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। नए कानून के तहत,सीजेआई को चयन समिति से बाहर रखा गया है,जिससे नियुक्ति प्रक्रिया में कार्यपालिका का अधिक हस्तक्षेप माना जा रहा है।नए कानून के तहत पहली बार मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति होने वाली है।मौजूदा सीईसी 18 फरवरी को रिटायर हो रहे हैं और उनके उत्तराधिकारी के चयन के लिए 17 फरवरी को सेलेक्शन पैनल की मीटिंग होने वाली है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह शामिल होंगे।
नए कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 19 फरवरी को सुनवाई
मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त की नियुक्तियों को लेकर बने नए कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 19 फरवरी को अगली सुनवाई करने वाला है।याचिकाओं में सेलेक्शन पैनल से सीजेआई को हटाए जाने को चुनौती दी गई है।जगदीप धनखड़ ने कहा कि,संविधान सभा ने लोकतंत्र के लिए जो उच्च मानक तय किए थे,वे आज कमजोर पड़ रहे हैं।आगे उन्होंने कहा,हम लोकतंत्र के मंदिरों (संसद) में हंगामा और बाधाएं कैसे स्वीकार कर सकते हैं? जनता के प्रतिनिधियों को अपने संवैधानिक जिम्मेदारियों का पालन करना चाहिए राष्ट्रीय हित को दलगत राजनीति से ऊपर रखना चाहिए।