CBI : भ्रष्टाचार में टाटा का नाम फंसा! सीबीआई ने जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी के एक अधिकारी के खिलाफ 800 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता के आरोप में जांच शुरू कर दी है। इस बार उस मामले में प्रोजेक्ट डायरेक्टर समेत टाटा समूह के कई अधिकारियों और पदाधिकारियों के नाम सामने आए हैं।
वित्तीय अनियमितता के आरोप
जानकारी अनुसार मुंबई के नहवा शेवा पोर्ट पर ड्रेजिंग प्रोजेक्ट में वित्तीय अनियमितता के आरोप लगे हैं। जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी के एक इंजीनियर, टाटा कंसल्टेंसी इंजीनियर्स के एक अधिकारी और निजी कंपनियों के कई अन्य अधिकारियों के नाम सामने आए हैं। 800 करोड़ रुपये के इस गबन के खिलाफ कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
कई डिजिटल डिवाइस जब्त
इस घटना की शिकायत 18 जून को दर्ज की गई थी। सीबीआई ने उसी दिन जांच शुरू कर दी थी। दिल्ली और चेन्नई में पांच जगहों पर तलाशी ली गई। सीबीआई ने बताया कि कार्रवाई में कई दस्तावेज बरामद किए गए। कई डिजिटल डिवाइस जब्त किए गए। सीबीआई के अनुसार, यह काम मुंबई और चेन्नई की एक ड्रेजिंग फर्म को दिया गया था। इस काम के लिए टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स (टीसीई) ने सलाहकार के तौर पर काम किया था। 2010 में टाटा समूह की टीसीई ने कैपिटल ड्रेजिंग प्रोजेक्ट के तहत इस बंदरगाह की ड्रेजिंग पर एक रिपोर्ट पेश की थी। उसके बाद से इस प्रोजेक्ट से टाटा समूह का नाम जुड़ गया। अब उस प्रोजेक्ट के भ्रष्टाचार में भी टाटा का नाम शामिल है।
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