तेज बारिश से नाले में घुसी कार, नगर निगम के खिलाफ प्रदर्शन

Shankhdhar Shivi
By Shankhdhar Shivi

लखनऊ संवाददाता- MOHD KALEEM

लखनऊ: लखनऊ में गुरूवार को लगातार तेज बारिश से जगह जगह जलभराव हो गया। फिर कई इलाकों में भीषण जलभराव से लोगों को मुसीबतों को सामना करना पड़ा। मुंशीपुलिया चौराहे के पास नाला क्षतिग्रस्त हो गया। जिसमें एक कार नाले में गिर गई। जिसमें सवार लोगों को कड़ी मेहनत के बाद बाहर निकाला गया। वहीं नाले के निर्माण की मांग कर रहे व्यापारियों ने नगर निगम के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। परिवर्तन चौराहा पर भारी बारिश में सड़क धंस गई। फैजुल्लागंज में लोगों के घरों में पानी घुस गया। अमीनाबाद स्थित पोस्ट ऑफिस में पानी भर गया।

इन्दिरा नगर स्थित मुंशीपुलिया चौराहे के पास नाला क्षतिग्रस्त हो गया। जिसमें एक कार गिर गई। जिसमें सवार लोगों को कड़ी मेहनत के बाद निकाला जा सका। वहीं कार को निकालने के लिए क्रेन मंगानी पड़ी। जिसके बाद नाले के निर्माण की मांग कर रहे व्यापारियों ने नगर निगम के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया।

स्थानीय लोगों की तरफ से कई बार प्रशासन को दी गई जानकारी…

मुंशीपुलिया चौराहे पर स्थित सुख काम्पलेक्स के सामने से एक नाला बहता है। नाले का निर्माण न होने से इस बार बारिश में नाला टूट गया है, और तेज बारिश के समय जलभराव के कारण कई बार लोग नाले में गिर चुके हैं। नाले के क्षतिग्रस्त होने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इसकी जानकारी स्थानीय लोगों की तरफ से कई बार प्रशासन को दी गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। गुरूवार को भी एक कार नाले में गिर गई। जिसमें सवार लोगों को बड़ी मुश्किलों के बाद निकाला गया। इन्दिरा नगर के मुंशी पुलिया स्थित सुख कांपलेक्स के सामने से बहता हुआ नाला लोगों के लिए खतरा बना हुआ है।

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किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है…

उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश सोनी ने कई बार नाले की समस्या को लेकर नगर आयुक्त, जिलाधिकारी, मंडलायुक्त, मेयर से मिलकर एवं पत्राचार के जरिये समस्या से अवगत कराया है, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है, नाला सड़क तक फैल चुका है, किसी दिन भी बड़ा हादसा हो सकता है। भारी बारिश के बाद नाले के भराव के बाद क्षतिग्रस्त नाला और सड़क बराबर हो गए, अधिवक्ता की गाड़ी नाले में फंस गई और उनकी जान पर बन आई। बड़ी मशक्कत के बाद उनको और उनके परिवार को निकाला गया है।

फैजुल्लागंज में लोगों के घरों में घुसा पानी…

परिवर्तन से हनुमान सेतु जाने वाले रास्ते पर सड़क धंस गई। गनीमत रही कि सड़क धंसने की जानकारी मिलते ही ट्रैफिक पुलिस ने बैरिकेड लगा दिया। जिससे कोई अप्रिय घटना नहीं हो पाई। वहीं फैजुल्लागंज में लोगों के घरों में पानी घुस गया। नगर निगम के इंजीनियरों की टीम ने मौके पर पहुंचकर यहां पम्प लगवाया। जानकीपुरम के सेक्टर एफ व जी के बीच काफी पानी भर गया। यहां नाला उफना गया। आशियाना के सेक्टर एल, सेक्टर एफ और सेक्टर एम व पार्क रोड भी लबालब रहा।

इससे लोगों का आना-जाना बंद हो गया। फैजुल्लागंज में पानी निकासी के लिए कई पम्प लगाए गए लेकिन शाम तक पानी नहीं निकल पाया था। गोमतीनगर में सपना स्वीट्स के पास भी काफी पानी भरा। यहां भी जल निकासी के लिए पम्प लगाया गया। फैजुल्लागंज, विकास नगर, इन्दिरा नगर, तकरोई, डालीबाग, आलमबाग समेत तमाम इलाकों में हुये जलभराव की वजह से काफी देर तक लोगों का सड़कों पर चलना दूभर हो गया।

फैजुल्लागंज में लोगों के घरों में पानी घुस गया…

गोमती नगर विशेषकर लोहियापथ के पास स्थित स्थानों में कुछ देर की ही बारिश ने जलभराव की स्थित पैदा कर दी। सीएम आवास से महज कुछ दूर स्थित पार्क रोड पर भी जलभराव देखने को मिला। आशियाना, कानपुर रोड स्थित एलडीए कालोनी, तेलीबाग, खरिका वार्ड, मीराबाई मार्ग, कपूरथला, डालीगंज समेत अन्य जगहों पर बारिश ने जलभराव की स्थित पैदा कर दी। अमीनाबाद स्थित पोस्ट ऑफिस में पानी भर गया। इसकी वजह से कम्प्यूटर समेत सारे सरकारी दस्तावेज पानी में भीग गए। कार्यालय में जर्जर छत से पानी टपकने व जलभराव से कार्य बाधित रहा।

सीवर लाइन गहरी है…

गोखले मार्ग पर बुधवार को धंसी सड़क अभी तक ठीक नहीं हो पायी है। यहां सीवर लाइन टूट गयी थी। जिसकी वजह से काफी दूर तक सड़क बैठ गयी थी। सीवर लाइन की मरम्मत की जा रही है। इस वजह से यहां जाम लग रह है। यहां कुछ दूरी तक पुरानी लाइन को हटाकर नए पाइप डाले जा रहे हैं। जिसकी वजह से इसे बनाने में काफी समय लग रहा है। जलकल के जीएम राम कैलाश ने बताया कि यहां तेजी से काम चल रहा है। सीवर लाइन गहरी है इसलिए बनाने में दिक्कतें आ रही हैं। उन्होंने रात तक इसे सही हो जाने का दावा किया।

बुधवार व गुरुवार को बारिश के बाद नगर निगम के कंट्रोल सेंटर में रिकॉर्ड शिकायतें दर्ज हुईं। केवल गुरुवार को ही 433 शिकायतें आईं, जिनमें सर्वाधिक शिकायतें जलभराव से सम्बंधित थीं। इसके अलावा 48 शिकायतें जानवरों के मरने की रहीं। इनमें से शाम तक 39 शिकायतों का ही निस्तारण हो पाया था। मरे जानवरों को उठाने की भी शिकायतें निस्तारित हुई, लेकिन देर शाम तक कन्ट्रोल रूम को सूचना नहीं मिल पाई थी।

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