विधायक निवास के कैंटीन कर्मचारी ने सोमवार को फांसी लगाकर की खुदकुशी

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

लखनऊ संवाददाता- मोहम्मद कलीम

लखनऊ: हजरतगंज पार्क रोड स्थित विधायक निवास की कैंटीन के कर्मचारी जय प्रकाश तिवारी (50) ने सोमवार को फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। हादसे के एक घंटे पहले ही वह ड्यूटी पर आया था। आत्महत्या के पहले उसने सब्जी भी बनाई थी। जानकारी मिलने के बाद पुलिस के अलावा राज्य सम्पत्ति विभाग के विशष सचिव बीरबल व्यवस्था अधिकारी समेत कई लोग मौके पर पहुंचे। हालांकि खुदकुशी की वजह साफ नहीं हो सकी है। 29 नवंबर को उसकी बेटी की शादी तय है।

read more: पेट्रोल पंप कर्मचारियों से लाखों रुपए से भरा बैग लेकर फरार हुए बदमाश

राज्य संपत्ति विभाग में कार्यरत ..

बुद्धेश्वर के आदर्श विहार निवासी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जय प्रकाश तिवारी राज्य संपत्ति विभाग में कार्यरत थे। कई वर्ष से उनकी नियुक्ति पार्र्क रोड स्थित विधायक निवासी की कैंटीन में बतौर कुक थी। भाई तेज प्रकाश तिवारी के मुताबिक रोज की तरह जय प्रकाश सुबह सात बजे ड्यूटी पर पहुंचे थे। करीब एक घंटे बाद सूचना मिली कि भाई ने कैंटीन में लगी लोहे की रॉड के सहारे फंदे के सहारे लटककर जान दे दी है। यह सुनते ही परिवार वालों के होश उड़ गए। परिवार में पत्नी रजनी, बेटी मीनाक्षी और बेटा अमन है।

Ghaziabad: दो विदेशी युवक-युवती को किया गिरफ्तार | दोनों स्मैक की करते थे तस्करी  @PrimeTV

आत्महत्या की वजह साफ नहीं

इंस्पेक्टर हजरतगंज प्रमोद पाण्डेय के मुताबिक आत्महत्या की वजह साफ नहीं है। परिवारवालों ने किसी पर आरोप नहीं लगाया है। पोस्टमार्टम रिपेार्ट के आधार पर आगे कार्रवाई होगी। तेज प्रकाश के मुताबिक भतीजी मीनाक्षी की शादी 29 नवंबर को तय है। घर में शादी की तैयारी चल रही थी। सभी लोग बेहद खुश थे। जय प्रकाश बेटी की शादी का कार्ड बांट रहे थे। अचानक यह सब कैसे हो गया कुछ समझ में नहीं आ रहा है।

अन्य कर्मचारियों से जय प्रकाश की मुलाकात हुई

बेटे अमन ने बताया कि पिता सुबह करीब छह बजे घर से निकले थे। घर से निकलते वक्त वह बिल्कुल सामान्य थे। रोज की तरह वह सभी लोगों से मिलकर निकले थे। उन्हें देखकर कोई अंदाजा नहीं लगा था कि वह ऐसा कदम उठा लेंगे। कैंटीन पहुंचने पर अन्य कर्मचारियों से जय प्रकाश की मुलाकात हुई। तब भी उसने किसी परेशानी का जिक्र नहीं किया। रोज की तरह सब्जी-चटनी बनाई। इस बीच साथी कर्मचारी कार्यालय चला गया। कुछ देर बाद कैंटीन पहुंचा तो दरवाजा ओढ़का था। भीतर जाकर देखा तो तय प्रकाश फंदे से लटके हुए थे।

Share This Article
Exit mobile version