आयुष्मान योजना से कैंसर मरीजों को मिली संजीवनी…

Shankhdhar Shivi
By Shankhdhar Shivi

लखनऊ संवाददाता- Vivek Shahi

योजना के तहत पांच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज मुहैया कराया जा रहा है, मरीजों को उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कल्याण सिंह कैंसर संस्थान में पंडित दीन दयाल उपाध्याय कैशलेश स्कीम का शुभारंभ किया।

लखनऊ: कैंसर मरीजों के इलाज में अब पैसा की कमी रोड़े नहीं अटका पा रही है। आयुष्मान योजना ने मरीजों के इलाज को और भी आसान बना दिया है। सरकारी और निजी अस्पताल में मरीज इलाज करा पा रहे हैं। कल्याण सिंह कैंसर संस्थान में योजना बेहद प्रभावी तरीके से संचालित हो रही है। महज पांच माह में 1000 मरीजों को योजना के तहत इलाज मुहैया कराया जा चुका है। यह बातें उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कही।

आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त इलाज उपलब्ध…

बृहस्पतिवार को कल्याण सिंह कैंसर संस्थान में आयुष्मान भारत योजना के तहत पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेश स्कीम का शुभारंभ उपमुख्यमंत्री ने किया। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहाकि सरकारी कर्मचारी और उनके आश्रित योजना के तहत कैशलेश इलाज हासिल कर सकते हैं। कैंसर संस्थान मरीजों के हित में लगातार बेहतर काम कर रहा है। यहाँ मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीज पाँच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज हासिल कर सकते हैं। संस्थान में 1000 कैंसर मरीजों को आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया जा चुका है। संस्थान इसी तरह गरीब मरीजों को इलाज मुहैया कराये। ताकि मरीजों को प्राइवेट अस्पताल की तरफ रुख न करना पड़े।

विश्वस्तर का संस्थान बनाएं…

उप मुख्यमंत्री ने कैंसर संस्थान को विश्वस्तरीय बनाने की बात कही। श्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि दुनिया भर में प्रचलित आधुनिक तकनीक कैंसर संस्थान में स्थापित की जा रही है। इसके लिए बजट कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि संस्थान के डॉक्टरों को अभी पीजीआई के समान सातवां वेतनमान नहीं मिल पा रहा है। इस संबंध में चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव से वार्ता करेंगे। डॉक्टरों की समस्या के समाधान का पूरा प्रयास किया जाएगा। उद्घाटन समारोह में एसएसीएचआईएस की मुख्य कार्यकारी अधिकारी संगीता सिंह, कैंसर संस्थान के निदेशक प्रोफेसर राधा कृष्ण धीमान, सीएमएएस प्रोफेसर अनुपम वर्मा, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. देवाशीष शुक्ला समेत अन्य अतिथिगण मौजूद रहे।

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