Bangladesh: बांग्लादेश (Bangladesh) में रविवार को प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ आवामी लीग के समर्थकों के बीच भीषण झड़पें हुई. इन झड़पों में 14 पुलिसकर्मियों सहित लगभग 100 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों अन्य घायल हो गए. इस प्रदर्शन का फायदा कट्टरपंथियों ने उठाया और हिंदुओं तथा उनके मंदिरों पर हमले किए. द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इस्कॉन और काली मंदिरों सहित हिंदुओं के घरों को निशाना बनाया गया, जिससे भक्तों को शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा. हिंसा में एक हिंदू की भी मौत हुई है. भारत ने इस परिस्थिति के चलते अपने नागरिकों को यात्रा से बचने की सलाह दी है.
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सरकारी नौकरियों में आरक्षण का मुद्दा
बताते चले कि सरकारी नौकरियों में आरक्षण व्यवस्था के मुद्दे को लेकर प्रदर्शनकारियों ने ‘स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ के बैनर तले असहयोग आंदोलन में भाग लिया. आवामी लीग, छात्र लीग और जुबो लीग के कार्यकर्ताओं के विरोध से दोनों पक्षों के बीच झड़पें हुई. प्रोथोम अलो अखबार के अनुसार, इस आंदोलन के दौरान देशभर में हुई झड़पों और गोलीबारी में कम से कम 100 लोगों की जान चली गई. पुलिस मुख्यालय के अनुसार, 14 पुलिसकर्मी मारे गए, जिनमें से 13 सिराजगंज के इनायतपुर थाने के थे. कोमिला के इलियटगंज में भी एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई.
प्रदर्शनकारियों का आक्रोश
प्रदर्शनकारियों ने कई प्रमुख राजमार्गों और राजधानी की सड़कों पर अवरोधक लगाए, पुलिस थानों, पुलिस चौकियों, सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यालयों और नेताओं के आवासों पर हमला किया. प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया. गृह मंत्रालय ने शाम छह बजे से अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया और सोशल मीडिया मंचों को बंद करने का आदेश दिया. मोबाइल प्रदाताओं को 4जी इंटरनेट सेवा बंद करने का आदेश भी दिया गया है.
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प्रधानमंत्री शेख हसीना की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री हसीना (Sheikh Hasina) ने प्रदर्शनकारियों को आतंकवादी करार देते हुए जनता से अपील की कि ऐसे लोगों से सख्ती से निपटा जाए. उन्होंने गणभवन में सुरक्षा मामलों की राष्ट्रीय समिति की बैठक बुलाई, जिसमें सेना, नौसेना, वायुसेना, पुलिस, रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी), बांग्लादेश सीमा गार्ड (बीजीबी) के प्रमुखों और अन्य शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने हिस्सा लिया.
सेना का दृष्टिकोण
सेना प्रमुख ने कहा कि सेना की तरफ से अब गोलीबारी नहीं की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि अगर सत्ता परिवर्तन गैर लोकतांत्रिक तरीके से हुआ तो बांग्लादेश (Bangladesh) केन्या जैसा बन जाएगा. बांग्लादेश के राजनीतिक टिप्पणीकार प्रोफेसर नजमुल अहसन कलीमुल्ला ने कहा कि सेना का इरादा अच्छा है और वे पाकिस्तानी सेना की तरह तख्तापलट की धमकी नहीं देंगे.
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अवामी लीग और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव
नरसिंगडी में सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में आवामी लीग के छह नेताओं और कार्यकर्ताओं को पीट-पीटकर मार दिया गया. राजधानी में प्रदर्शनकारी ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल से चार लोगों के शव अपने साथ ले गए और सरकार विरोधी नारे लगाए.
सामान्य अवकाश की घोषणा
लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने सोमवार, मंगलवार और बुधवार को तीन दिवसीय सामान्य अवकाश की घोषणा की है. इस बीच, सेना के पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों के एक समूह ने सरकार से सशस्त्र बलों को सड़कों से हटाकर बैरकों में वापस भेजने का आग्रह किया है. पूर्व सेना प्रमुख इकबाल करीम ने सरकार से राजनीतिक पहल की मांग की.
ज्यादातर दुकानें और मॉल बंद रहे
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि विरोध प्रदर्शन के चलते ढाका की ज्यादातर दुकानें और मॉल बंद रहे. सैकड़ों छात्र और कामकाजी लोग ढाका के शाहबाग में एकत्र हो गए, जिससे यातायात जाम हो गया. इस स्थिति को देखते हुए सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव और अधिक बढ़ सकता है, जिससे देश में शांति और स्थिरता बहाल करना मुश्किल हो सकता है.
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