Byju’s बढ़ी मुश्किले! डेलावेयर सुप्रीम कोर्ट से मिला झटका, 1.2 अरब डॉलर के कर्ज चुकाने में चूक का दावा हुआ साबित

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
Byju’s

Byju’s News: एडटेक सेक्टर की दिग्गज कंपनी Byju’s को अमेरिकी कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। डेलावेयर सुप्रीम कोर्ट ने अपने हालिया फैसले में कहा कि बायजूस ने कर्ज चुकाने में चूक की है। इस फैसले से Byju’s पर और आर्थिक दबाव बढ़ गया है। हालांकि, कंपनी ने दावा किया है कि इस फैसले का भारत में चल रही कानूनी कार्यवाही पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। लेकिन अमेरिकी लेंडर्स का कहना है कि कोर्ट ने लोन एग्रीमेंट के तहत बायजूस की गलती साबित की है और उनके पास कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार है।

Read more: Lucknow:काम के दौरान अचानक बेहोश होकर गिरीं HDFC बैंक की अधिकारी, वर्क प्रेशर बना जानलेवा

1.2 अरब डॉलर का कर्ज और विवाद

बायजूस ने अपनी पैरेंट कंपनी बायजू अल्फा के जरिए अमेरिकी लेंडर्स से 1.2 अरब डॉलर का ‘टर्म लोन बी’ (TLB) लिया था। TLB एक प्रकार का कर्ज होता है जिसे संस्थागत निवेशकों द्वारा जारी किया जाता है। अमेरिकी लेंडर्स ने अपने प्रशासनिक एजेंट ग्लास ट्रस्ट के जरिए ‘डेलावेयर कोर्ट ऑफ चांसरी’ में दावा किया कि बायजूस ने भुगतान करने में चूक की है। इसके साथ ही लेंडर्स ने जल्द से जल्द 1.2 अरब डॉलर के टीएलबी का भुगतान करने की मांग की थी। कोर्ट ने कर्जदाताओं के इस दावे को सही ठहराया और उनके पक्ष में फैसला सुनाया।

Read more: Lucknow: काम के दबाव को लेकर अखिलेश यादव का प्रहार, बोले-‘प्रवचन से नहीं, सुधार से होगा युवाओं का भला’

थिंक एंड लर्न का विरोध भी नहीं आया काम

Byju’s का स्वामित्व रखने वाली कंपनी थिंक एंड लर्न ने अमेरिकी कोर्ट में इस दावे का विरोध किया था, लेकिन डेलावेयर कोर्ट ऑफ चांसरी ने इस दावे को मानते हुए कर्जदाताओं के पक्ष में फैसला सुनाया। इसके बाद, डेलावेयर सुप्रीम कोर्ट ने भी इसी फैसले को बरकरार रखा। अमेरिकी लेंडर्स का कहना है कि बायजूस के संस्थापक और सीईओ बायजू रवींद्रन और उनके भाई रिजू रवींद्रन ने यह स्वीकार किया है कि कंपनी ने अक्टूबर 2022 तक लोन एग्रीमेंट की शर्तों का पालन नहीं किया।

Read more: Jammu&Kashmir Assembly Elections: गांदरबल से सुल्तान गनई का दावा, कहा-‘दोनों सीटों से हारेंगे उमर अब्दुल्ला’

लेंडर्स का बयान: Byju’s ने जान-बूझकर किया लोन का उल्लंघन

टर्म लोन उधारदाताओं के तदर्थ ग्रुप की संचालन समिति के अनुसार, बायजूस के लोन चुकाने में जान-बूझकर चूक की बात स्पष्ट हो गई है। लेंडर्स ने कहा, “हमें खुशी है कि डेलावेयर के सुप्रीम कोर्ट ने निर्णायक रूप से हमारे दावे की पुष्टि की है। बायजूस ने स्वेच्छा से लोन एग्रीमेंट का उल्लंघन किया है और इसे समय पर पूरा नहीं किया।”

Read more: Hamirpur: चलती कार में महिला की हत्या का मामला अभी भी अनसुलझा! आखिर क्या थी हत्या की वजह?

भारतीय अदालतों में भी किया था दावा

अमेरिकी लेंडर्स ने भारतीय अदालतों में भी कंपनी के खिलाफ 1.35 अरब डॉलर का दावा किया था, जो अब बढ़कर 1.5 अरब डॉलर हो गया है। ग्लास ट्रस्ट के माध्यम से अमेरिका में जारी दिवालिया कार्यवाही के दौरान यह दावा दायर किया गया था। लेंडर्स ने अपनी राशि बढ़ाते हुए नए बयान में कहा है कि Byju’s ने अपने कर्ज का भुगतान करने में गंभीरता नहीं दिखाई, जिससे उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं।

Read more: Asia Power Index: भारत बना एशिया का तीसरा सबसे ताकतवर देश, जापान को पछाड़कर हासिल किया मुकाम

बायजूस की मुश्किलें बढ़ीं, पर भारत में कानूनी कार्यवाही पर असर नहीं

Byju’s ने हालांकि कहा है कि अमेरिकी कोर्ट के इस फैसले का भारत में चल रही कानूनी कार्यवाही पर कोई सीधा असर नहीं पड़ेगा। लेकिन यह स्थिति कंपनी के लिए अच्छी नहीं है। Byju’s के लिए यह समय बेहद कठिनाई भरा साबित हो रहा है, क्योंकि कंपनी को एक ओर अमेरिकी लेंडर्स का दबाव झेलना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर भारतीय अदालतों में भी कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

Read more: Online Gaming की लत में सिपाही ने गंवाए 15 लाख, वीडियो जारी कर कहा-“सभी से 500-500 रुपये दिला दीजिए, वरना आत्महत्या कर लूंगा”

कर्ज और कानूनी लड़ाई: बायजूस की चुनौतियां

Byju’s की मौजूदा आर्थिक स्थिति और कर्ज चुकाने में चूक से एडटेक सेक्टर में एक बड़ी आर्थिक संकट की स्थिति पैदा हो गई है। कंपनी के खिलाफ कर्जदाताओं की ओर से लगातार बढ़ते दबाव के बीच, बायजूस को जल्द से जल्द कोई समाधान ढूंढना होगा, ताकि यह स्थिति और अधिक गंभीर न हो। इस मामले में सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि क्या Byju’s इस कानूनी और आर्थिक संकट से बाहर निकल पाएगा या नहीं। कंपनी ने भारत और अमेरिका दोनों में कोर्ट की लड़ाई लड़ते हुए अपने व्यापार को स्थिर करने का प्रयास किया है, लेकिन कर्जदाताओं का दावा और बढ़ता जा रहा है, जिससे कंपनी की स्थिति कमजोर होती दिख रही है।

Read more: Gujarat में भीषण सड़क हादसा! तेज रफ्तार कार ने ट्रेलर को मारी टक्कर, सात की मौत

बायजूस की स्थिति पर सभी की नजरें टिकी

Byju’s की इस स्थिति पर शिक्षा और टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री में सभी की नजरें टिकी हैं। कंपनी के ऊपर भारी कर्ज का बोझ है और कानूनी लड़ाई भी तेज हो चुकी है। अगर जल्द ही Byju’s इस संकट का समाधान नहीं ढूंढता, तो इसका असर कंपनी के व्यापार और वैश्विक प्रतिष्ठा पर भी पड़ सकता है। बायजूस के खिलाफ डेलावेयर कोर्ट का फैसला कंपनी के लिए एक बड़ा झटका है। कंपनी को अब कर्जदाताओं और अदालतों से निपटने के साथ-साथ अपनी व्यापारिक स्थिति को मजबूत करने के लिए रणनीतिक कदम उठाने होंगे।

Read more: Bahraich में चला बुलडोजर! 23 अवैध मकानों पर हाईकोर्ट के आदेश से कार्रवाई, सपा ने उठाए सवाल

Share This Article
Exit mobile version