Bulandshahr News: फिल्म अभिनेत्री और हिमाचल प्रदेश से भाजपा सांसद कंगना रनौत (Kangana Ranaut) की मुसीबतें कम होती नहीं दिख रही हैं। किसान आंदोलन पर दिए गए विवादित बयान के कारण उन पर बुलंदशहर की MP/MLA कोर्ट में मामला दर्ज हुआ है। शुक्रवार को कंगना को कोर्ट में पेश होने का आदेश था, लेकिन वह नहीं पहुंचीं, जिसके बाद अदालत ने उन्हें 28 नवंबर को पेश होने का अंतिम नोटिस जारी कर दिया है। इस बार कोर्ट ने कंगना को हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और मुंबई स्थित उनके आवासों पर नोटिस भेजा है, जबकि पिछली बार यह नोटिस केवल मुंबई के पते पर भेजा गया था।
Read more: Meerapur By-Election: सियासी अखाड़े में उतरीं बीजेपी नेत्री मिथलेश पाल, दाखिल किया नामांकन
वादी के वकील ने दी जानकारी
वादी के अधिवक्ता संजय शर्मा ने बताया कि कंगना रनौत के कोर्ट में पेश न होने पर अदालत ने सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि अब अदालत ने 28 नवंबर की तारीख तय की है, और यदि कंगना फिर पेश नहीं होतीं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
जानें क्या है विवाद का पूरा मामला
मामला किसान आंदोलन के दौरान दिए गए कंगना के उस बयान का है जिसमें उन्होंने कथित तौर पर किसानों पर अभद्र टिप्पणी की थी। भाकियू किसान शक्ति के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री गजेंद्र शर्मा ने उनके खिलाफ यह परिवाद दायर किया था। गजेंद्र शर्मा का आरोप है कि कंगना ने किसान आंदोलन के दौरान महिलाओं पर दुष्कर्म और हत्या के आरोप लगाए थे, जिससे किसानों की छवि धूमिल हुई। गाजीपुर बॉर्डर पर किसान संगठनों के विरोध प्रदर्शन के दौरान काले कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले किसानों के खिलाफ कंगना के इस बयान को किसान नेताओं ने अपमानजनक माना है।
Read more: Lucknow: चरक अस्पताल में 5 दिन तक लाश का इलाज, मौत छुपाकर परिजनों से लाखों की उगाही
किसानों को बताया ‘हिंसक’, इंटरव्यू की सीडी अदालत में हुई पेश
वादी गजेंद्र शर्मा ने अदालत में विभिन्न चैनल्स पर प्रसारित कंगना के इंटरव्यू की सीडी भी सबूत के रूप में जमा की है। वादी ने बताया कि इस इंटरव्यू में कंगना ने किसान आंदोलन के नाम पर दुष्कर्म और हत्याओं के आरोप लगाए थे। साथ ही उन्होंने कहा था कि अगर भारत में सरकार कमजोर होती तो हालात बांग्लादेश जैसे हो सकते थे। उन्होंने दावा किया कि कंगना के इस बयान से किसानों का अपमान हुआ है और इससे किसानों के आंदोलन को बदनाम करने का प्रयास किया गया है।
पहले भी उठाई थी कार्रवाई की मांग
गजेंद्र शर्मा का कहना है कि इस मामले को लेकर उन्होंने 28 अगस्त को लोकसभा अध्यक्ष को ज्ञापन भी सौंपा था, और 2 सितंबर को प्रधानमंत्री को भी शिकायत भेजी थी। बावजूद इसके, कंगना के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिससे किसानों में असंतोष है। उनका मानना है कि सांसद कंगना रनौत का बयान न्यायिक और सामाजिक दृष्टि से अनुचित है और यह किसानों की छवि को नुकसान पहुंचाता है। अब सबकी नजरें 28 नवंबर को होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं। अदालत द्वारा जारी किया गया यह अंतिम नोटिस है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि कंगना के पेश न होने पर उन्हें गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।