Budha Amarnath Yatra 2025: श्री बूढ़ा अमरनाथ जी यात्रा 2025 इस बार 27 जुलाई से शुरू हो रही है। यह यात्रा जम्मू-कश्मीर के पूंछ जिले से निकलती है और क्षेत्र की एक महत्वपूर्ण धार्मिक यात्रा मानी जाती है। इस साल की यह यात्रा आतंकी खतरे की छाया में शुरू हो रही है, खासकर “ऑपरेशन सिंदूर” और पाकिस्तान की ओर से हुई हालिया गोलाबारी को देखते हुए। सिविल इलाकों को निशाना बनाए जाने की घटनाओं के बाद यह यात्रा सुरक्षा के लिहाज़ से बेहद संवेदनशील मानी जा रही है।
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सुरक्षा को लेकर प्रशासन सतर्क

यात्रा को शांतिपूर्ण और सुरक्षित ढंग से संपन्न कराने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस और अर्धसैनिक बलों द्वारा सघन सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई है। जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (DGP) नलिन प्रभात खुद पूंछ जिले के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे और यात्रा मार्ग व मंदिर परिसर की सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक हाई लेवल सिक्योरिटी रिव्यू मीटिंग की, जिसमें राजौरी और पूंछ जिले के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल रहे।
मल्टी-लेयर सिक्योरिटी प्लान
इस बार सुरक्षा के लिए मल्टी-लेयर घेरा तैयार किया गया है। संवेदनशील स्थानों की मैपिंग की गई है और संभावित खतरे का आंकलन (वल्नरेबिलिटी असेसमेंट) किया गया है। यात्रा मार्ग पर रियल-टाइम इंटेलिजेंस शेयरिंग और त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली (Real-Time Response Mechanism) को लागू किया गया है। इसके अलावा, स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जा रहा है।
CRPF, BSF और J&K पुलिस की संयुक्त तैनाती
सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए CRPF, BSF और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त तैनाती यात्रा मार्ग पर की गई है। इसके साथ ही, विशेष रूप से संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं। निगरानी को और अधिक मजबूत बनाने के लिए तकनीकी संसाधनों का सहारा लिया गया है।
सेवा प्रदाताओं की होगी कड़ी जांच
इस बार यात्रा के दौरान लंगर, ट्रांसपोर्ट और टेंट सेवाएं देने वाले सभी ऑपरेटर्स की पुलिस वेरिफिकेशन और ID टैगिंग को अनिवार्य किया गया है। यह कदम यात्रा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है ताकि कोई भी असामाजिक तत्व सेवा प्रदाता बनकर घुसपैठ न कर सके।
धार्मिक आस्था और सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक
बूढ़ा अमरनाथ यात्रा केवल धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह सीमावर्ती जिले पूंछ के लिए सांप्रदायिक सौहार्द, भाईचारे और सहयोग की मिसाल भी है। यह यात्रा हिंदू-मुस्लिम समुदायों की साझा संस्कृति और आपसी सम्मान को दर्शाती है। प्रशासन इस यात्रा को पूरी शांति, सुरक्षा और गरिमा के साथ सम्पन्न कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है। प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।
